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इस सरकारी स्कूल में शोध करने आते हैं विदेशी शिक्षाविद, आधा दर्जन विकसित देशों के शोधार्थी कर चुके हैं भ्रमण

संसू, गोंडा : आइए आपको ऐसे प्राइमरी स्कूल में ले चलते हैं, जहां दुनिया के कुछ देशों के शिक्षाविद शोध के लिए आते है। अमेरिका, कनाड़ा, हांगकांग, ब्रिटेन जैसे आधा दर्जन देश के शोधार्थी शोध के लिए आ चुके हैं।
इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र संघ के पर्यावरण समुदाय में शामिल है तो वर्ष 2015 में साउथ कोरिया में जैव विविधता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में स्कूल की गतिविधियां दिखाई जा चुकी हैं। खास बात है कि इसे विकसित करने में सरकार की तरफ से कोई अतिरिक्त धनराशि नहीं दी गयी बल्कि शिक्षक रवि प्रताप सिंह ने खुद के वेतन व जनभागिता से संवारा है।

मामला कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल धौरहरा का है। यहां बदलाव की बयार बहाने वाले शिक्षक को 24 अगस्त 2013 को नियुक्ति मिली। उस समय यहां टूटी फर्श, दीवारों के टूटे प्लास्टर के साथ ही पाठ्यक्रम से अनजान छात्र मिले। उन्होंने संकल्प के साथ कार्य करना शुरू किया। शुरुआत में पैसे को लेकर थोड़ी मुश्किलें आयीं लेकिन वह निजी खर्च से बेहतर करने में जुटे रहे। छात्रों को पढ़ाने के लिए टीएलएम व नवाचार को माध्यम बनाया। एक्सट्रा क्लास ली। वर्ष 2015 में वल्र्ड गूगल मैप पर यहां की गतिविधियां डाली गयीं। थोड़े दिन बाद ही यहां वल्र्ड एनिमल केयर यूनिट के हेड क्रिस हेगन ने अपनी टीम के साथ भ्रमण किया। कनाडा के शिक्षाविद आए व गतिविधियों पर अध्ययन किया। अमेरिका की टीएसए संस्था के यूनिट हेड वाइसी के साथ ही हांगकांग विवि के शोध विद्यार्थी आए। ब्रिटेन की यूनाइटेड किंगडम इंटरनेशनल संस्था के साथ ही काम करने का मौका दिया। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने यहां की शिक्षण व्यवस्था की तुलना सिंगापुर, चीन व फिनलैंड की शैक्षिक व्यवस्था से की है। शिक्षक कहना है कि हमने कुछ अलग नहीं किया बल्कि अपने काम को सही ढंग से किया।जिले का बीएसए होने के नाते कई बार स्कूल जाने का मौका मिला। वहां की गतिविधियां अपनी ओर खींचती हैं। रवि प्रताप ने पूरे बेसिक शिक्षा परिवार को गौरवांवित किया है। उनके प्रयास सराहनीय हैं।

- संतोष कुमार देव पांडेय, बीएसए गोंडागोंडा कर्नलगंज के प्राथमिक विद्यालय धौरहरा में कंप्यूटर की पढ़ाई करते बच्चे ’ जागरणये है खास

’ छात्रों के लिए इंटरेक्टिव क्लास रूम व स्मार्ट क्लास।

’ प्रोजेक्टर के माध्यम से आधुनिक शिक्षा व्यवस्था।

’ शैक्षिक टेलीविजन के माध्यम से गतिविधि।

’ आधुनिक ओपेन व डिजिटल लाइब्रेरी।

’ हाई स्पीड ब्रॉडबैंड व वाई फाई युक्त परिसर।

’ बिजली, इनवर्टर, साउंड माइक व पंखों की सुविधा।

’ संपूर्ण परिसर सोलर प्लेट्स से अच्छादित।

’ छात्रों के लिए डायनिंग टेबल की व्यवस्था।

’ बैठने के लिए आधुनिकतम फर्नीचर।

आधुनिक हैंडवॉश प्वाइंट की व्यवस्था।

’ टाई, बेल्ट, आइ कार्ड व डायरी की व्यवस्था।

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