नई दिल्ली स्कन्द विवेकशोध के नाम पर खानापूर्ति कर पीएचडी लेने के चलन पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) शिकंजा कसने जा रहा है। जल्द ही सभी विश्वविद्यालयों के लिए शोध का कोर एरिया निर्धारित किया जाएगा। इससे पीएचडी के विषयों का दोहराव रुकेगा।
साथ ही यह व्यवाहारिक भी होगा। यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह ने हिन्दुस्तान से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने बताया कि हमारे विश्वविद्यालयों में करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी पीएचडी के लिए नामांकित हैं। इनमें बड़ी संख्या ऐसी है, जिसमें रिसर्च के नाम पर जगह-जगह से तथ्य जुटाकर सिर्फ खानापूर्ति कर दी जाती है। इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए यूजीसी जल्द ही शोध का कोर एरिया तय करेगा।शोध मौलिक और व्यवाहारिक होगा : कोर एरिया विश्वविद्यालय के क्षेत्र, वहां की सामाजिक-आर्थिक परिस्थिति, पर्यावरणीय चुनौतियों आदि को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। इस तरह का शोध मौलिक और व्यवाहारिक होगा।
लाख छात्र देशभर में पीएचडी के लिए नामांकित हैं
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