इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा
में ढाई अंक भारांक (वेटेज) जोड़कर परिणाम घोषित करने के तर्क को सही नहीं
माना और नियमावली को स्पष्ट करते हुए शिक्षामित्रों की याचिका निस्तारित कर
दी है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद होने वाली सहायक
अध्यापकों की लगातार दो भर्तियों में ही ढाई अंक का भारांक देने का
प्रावधान है। भारांक को जोड़कर परिणाम घोषित करने का नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि 1981 की सेवा नियमावली के नियम 14 के परंतुक में 25 जुलाई
2017 के बाद लगातार दो भर्तियों में ही भारांक दिया जाएगा। यह आदेश
न्यायमूर्ति डीके सिंह ने दिया है। कुलभूषण मिश्र व अन्य की याचिका में 27
मई 2018 को हुई सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में शिक्षामित्र के रूप में
कार्य का प्रतिवर्ष ढाई अंक भारांक जोड़कर परीक्षा परिणाम घोषित करने की
मांग की गई थी।
नियमावली के अनुसार हाईस्कूल, इंटर व बीटीसी के साथ लिखित परीक्षा के अंक
जोड़े जाने का तरीका अपनाया जाएगा। यह भी व्यवस्था है कि शिक्षामित्र के रूप
में कार्य करने का प्रत्येक वर्ष ढाई अंक भारांक जोड़कर 25 अंक से अधिक
नहीं होगा, दिया जाएगा।