इसी कड़ी में अब टीचरो के लिये एक और बड़े बदलाव से गुजरने को बाध्य कर दिया गया है और अब नये आदेश के तहत बगैर टीईटी पास किये टीचरों की प्रोन्नति नहीं होगी। इस बावत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जितेंद्र शुक्ला आदि की याचिका को निस्तारित करते हुये आदेश दिया है कि अब प्राथमिक विद्यालय से उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रोन्नति के लिए संबंधित टीचर का टीईटी पास होना अनिवार्य होगा। बगैर टीईटी उत्तीर्ण किए किसी को भी प्रोन्नति नहीं दी जायेगी। इससे अब टीचरों को प्राथमिक विद्यालय का सहायक अध्यापक से प्रधानाध्यापक बनने व उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक बनने व प्रधानाध्यापक बनने में प्रोन्नति बनना अब टेढ़ी खीर होगा।
पहले से था नियम अब पालन का आदेश
गौरतलब है कि एनसीटीई ने 23 अगस्त 2010 को एक अधिसूचना जारी की और यह नियम लागू किया कि अब प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रमोशन के लिये टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। यानी टीचरो को प्राथमिक विद्यालय का सहायक अध्यापक से प्रधानाध्यापक बनने व उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक बनने व प्रधानाध्यापक बनने में प्रोन्नति के लिए टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। लेकिन इस नियम का पालन बेसिक शिक्षा परिषद नहीं कर रहा था। जिसे हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया तो हाईकोर्ट ने एनसीटीई की नियमावली का पालन करने का आदेश दिया है ।
चल रही है प्रमोशन की प्रक्रिया
बेसिक शिक्षा परिषद मौजूदा समय में उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रोन्नति की प्रक्रिया चला रहा है। लेकिन, इसमें टीईटी की अनिवार्यता को शामिल नहीं किया गया है । जबकि बेसिक शिक्षा परिषद को प्राथमिक से उच्च प्राथमिक के सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति के लिए एनसीटीई के 12 नवंबर 2014 को जारी रेग्युलेशन के नियम 4 (बी) का पालन करना चाहिये। इसके पालन न किये जाने पर अब न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने सुनवाई करते हुये अपना फैसला सुनाया है और बगैर टीईटी पास टीचर के प्रमोशन पर रोक लगा दी है।