इलाहाबाद। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में विवादों के बीच शुक्रवार को
रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक और वित्त अधिकारी (एफओ) पद पर भर्ती के लिए
साक्षात्कार का आयोजन किया गया। शनिवार को इविवि की कार्यपरिषद की बैठक
होनी है, जिसमें इन पदों पर हुई भर्ती से संबंधित लिफाफा खोला जाएगा।
हालांकि
इंटरव्यू की प्रक्रिया पहले से ही विवादों में है और एसटीएफ ने इसकी जांच
भी शुरू कर दी है। आरोप लगाए गए हैं कि इन तीनों महत्वपूर्ण पदों पर इविवि
और संघटक कॉलेजों के चार में से तीन शिक्षकों का चयन पहले से तय है। यह
आरोप भी हैं कि इंटरव्यू केवल दिखावे के लिए है। फिलहाल रजिस्ट्रार,
परीक्षा नियंत्रक और एफओ के लिए हुए इंटरव्यू में कुल 26 अभ्यर्थी शामिल
हुए। इनमें इविवि के एक शिक्षक जो पूर्व में कार्यवाहक रजिस्ट्रार रह चुके
हैं, ऑक्टा के एक पदाधिकारी, इविवि के एक संघटक कॉलेज के प्राचार्य और एक
अन्य संघटक कॉलेज के शिक्षक भी शामिल हैं।
पूर्व कार्यवाहक रजिस्ट्रार
के पास एक अन्य प्रशासनिक पद पर है और इस पद पर इनकी तैनाती को लेकर यूजीसी
की टीम आपत्ति जता चुकी है। चयन पहले से तय होने के आरोपों में कितना दम
है, यह शनिवार को कार्यपरिषद की बैठक में भर्ती का लिफाफा खुलने के बाद
स्पष्ट होगा लेकिन इन पदों पर चयन के लिए जिनके नाम सामने आ रहे थे, वे सभी
इंटरव्यू प्रक्रिया में शामिल हुए हैं। इंटरव्यू से पहले इविवि प्रशासन ने
अभ्यर्थियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए थे, सो इसको लेकर तमाम तरह के सवाल
उठ रहे थे।
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