प्रयागराज :बेसिक शिक्षा परिषद के डेढ़ लाख से अधिक स्कूलों में पढ़ाने
वाले शिक्षकों की जातिवार गणना होने जा रही है। परिषद मुख्यालय ने इस संबंध
में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं, सभी जिलों से तय
प्रोफार्मा पर एक सप्ताह में ईमेल पर रिपोर्ट मांगी गई है।
अफसरों का कहना
है कि ये कदम आगामी शिक्षक भर्ती के तहत उठाया गया है। 1बेसिक शिक्षा के
अपर मुख्य सचिव डा. प्रभात कुमार ने 19 सितंबर की समीक्षा बैठक में निर्देश
दिया था कि जिलावार सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों की श्रेणीवार सूचना
उपलब्ध कराई जाए। परिषद सचिव रूबी सिंह ने सभी बीएसए को इस संबंध में
निर्देश भेजा है। इसमें सिर्फ सहायक अध्यापक ही नहीं सात बिंदुओं पर
रिपोर्ट मांगी गई है। प्राथमिक के प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक व उच्च
प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक ग्रामीण क्षेत्र की
अलग-अलग सूचना देनी है। ऐसे ही 29334 उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान
गणित भर्ती के तहत सहायक अध्यापक विज्ञान व गणित वर्ग की भी अलग-अलग
सूचनाएं देनी हैं। इसी तरह 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत जिले में
नियुक्ति पाने वाले कुल अभ्यर्थियों के साथ ही श्रेणीवार भी जानकारी देनी
है।
आगामी शिक्षक भर्ती का होंगे आधार : बेसिक शिक्षा अपर मुख्य सचिव ने
समीक्षा बैठक में बैठक में स्पष्ट किया था कि आगामी शिक्षक भर्ती के
विज्ञापन से पहले यह तय हो जाए कि किस जिले में किस श्रेणी के कितने पद
रिक्त हैं। ज्ञात हो कि प्रदेश सरकार जनवरी माह में करीब 97 हजार पदों पर
सहायक अध्यापकों की भर्ती कराने जा रही है। इसीलिए वर्गवार आकड़े इकट्ठा
किए जा रहे हैं।
भर्तियों से आरक्षण गड़बड़ाया तो नहीं
परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पिछले वर्षो में कई
भर्तियां लगातार हुई हैं। रिक्तियां जिलों से प्राप्त आकड़ों के आधार पर
घोषित की गई और उसी के अनुरूप पदों को भरा गया है। सचिव रूबी सिंह का कहना
है कि वर्गवार आकड़ों से यह स्पष्ट होगा कि जिलों में कहीं किसी वर्ग विशेष
की ही भरमार तो नहीं हो रही है। या फिर आरक्षित व बैकलाग के पद वर्षो से
खाली तो नहीं पड़े हैं। यदि यह सामने आता है तो उसे भी नियमानुसार भरा जाए।
ज्ञात हो कि यूपीपीएससी में एक वर्ग विशेष को ही नियुक्ति देने के तमाम
आरोप लग चुके हैं।
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