यूँ तो पुरानी पेंशन बहाली की मांग के लिए संघर्ष करने का दावा शिक्षक
संघ सहित सभी संगठन भरते हैं । परन्तु उनके इस दावे में झोल शिक्षक
कर्मचारियों को तब नजर आया जब अटेवा पुरानी पेंशन बचाओ संघर्ष मोर्चा के
सांसद विधायक आवास ओर एक दिन के लिए रखे गए उपवास कार्यक्रम में शिरकत किये
महामंत्री को उनके उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रादेशिक अध्यक्ष
ने सिर्फ इस बात पर कार्यकारिणी से निलम्बित कर दिया कि उन्होंने पुरानी
पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे अन्य गुट के कार्यक्रम में प्रतिभाग किया ।
प्रदेश संगठन (UPPSS) के इस कारनामे के बाद शिक्षकों में रोष व्याप्त है ।
शिक्षकों का कहना है शिक्षक इस कार्यवाही का मुखर विरोध करंगे । पुरानी
पेंशन के किये जो भी संगठन प्रयास करेगा सभी पेंशन विहीन कर्मचारी व शिक्षक
हर स्तर पर साथ देंगे ।
सेवानिवृत्ति के बाद कोई संगठन काम न आएगा । सूत्रों की माने तो पुरानी
पेंशन बहाली का मुद्दा अटेवा (आल टीचर्स एंड इम्प्लॉई एशोसिएशन) द्वारा
शुरू किया गया । जिसके लिए लखनऊ व नई दिल्ली तक में प्रदर्शन भी किये जा
चुके हैं । अभी हाल ही में 28 अक्टूबर को सासंदों व विधायकों के आवास पर
उपवास कार्यक्रम कर उनसे पुरानी पेंशन बहाली हेतु लिखित समर्थन मांगा गया ।
26 नवम्बर को दिल्ली में पुरानी पेंशन बहाली के लिए संसद भवन का घेराव
कार्यक्रम प्रस्तावित है ।
अटेवा के बढ़ते वर्चस्व को रोकने के लिए पुरानी पेंशन का मुद्दा शिक्षकों में अपनी साख बचाने का स्टंट माना जा रहा है ।
एक तरफ जहाँ पुरानी पेंशन के लिए हर संगठन अपने-अपने स्तर से प्रयास व
समर्थन कर रहा है ऐसे में प्रदेश संगठन द्वारा की गयी कार्यवाही को शिक्षक
समुदाय सही नही मान रहा है । पेंशन विहीन शिक्षकों में इस कार्यवाही के बाद
आक्रोश व्याप्त है ।
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