अभ्यर्थियों को जानकारी न दोषियों पर कार्रवाई, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में उच्च शिक्षा निदेशालय की शिथिल कार्यवाही

प्रयागराज : प्रदेश के महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति न मिलने से परेशान विज्ञापन 37 के चयनित अभ्यर्थियों में आक्रोश है। अभ्यर्थियों की मानें तो उन्हें रिक्त पदों की संख्या 138 की बजाए 54 ही रह जाने की जानकारी नहीं दी गई।
न ही उच्च शिक्षा निदेशालय उप्र प्रयागराज ने रिक्तियां त्रुटिपूर्ण बताने वालों पर कार्रवाई की। साथ ही भर्ती में हुई खामियों पर निदेशालय पर्दा डालने की कोशिश में है। अभ्यर्थी जल्द ही इसके खिलाफ एकजुट होने की तैयारी में हैं। 1वहीं, निदेशालय का दावा है कि मामले में जांच कमेटी बनाई गई है और कार्रवाई भी हुई है। अशासकीय महाविद्यालयों में रिक्तियां 138 की बजाए 54 ही रह जाने के तमाम कारण हैं। करीब 15 साल पुरानी भर्ती का रिजल्ट मार्च 2018 में उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से जारी हुआ। परिणाम का इंतजार करते-करते तमाम अभ्यर्थी अन्य सेवा क्षेत्रों में चले गए। कुछ आयु के लिहाज से रिटायरमेंट के करीब पहुंच गए। कई अभ्यर्थी विज्ञापन 46 के तहत परीक्षा देकर चयनित हो गए। कुछ तो ऐसे हैं जो मानदेय पर नौकरी कर रहे हैं लेकिन, उनकी पदोन्नति हो गई। ऐसे में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर ज्वाइन न करना उनके लिए मजबूरी है। जबकि निदेशालय ने फिर भी यूपीएचईएससी को 138 पदों का अधियाचन भेजा जिस पर रिजल्ट निकला। जिन अभ्यर्थियों को अब भी आस है कि उनकी नियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर होगी उन्हें निदेशालय की ओर से रिक्तियां 54 ही घोषित करने की टीस है। संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ पीके वाष्ण्रेय का कहना है कि जिनकी ओर से रिक्तियां त्रुटिपूर्ण बताई गईं, उनमें एक पर कार्रवाई हो चुकी है। शेष पर दंडात्मक कार्रवाई को शासन को लिखा गया है