जिले के सरकारी परिषदीय स्कूलों के बच्चों को निजी स्कूलों की तर्ज पर स्मार्ट क्लास में पढ़ने का सपना चकनाचूर हो गया। बच्चों को स्कूली शिक्षक ही प्रोजेक्टर के जरिए स्कूल में पढ़ाने की योजना सिर्फ प्रस्ताव भेजने तक ही सिमट कर रह गई। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम अंतर्गत मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र वाले आठ ब्लॉक आच्छादित करने की गरज से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। वित्तीय वर्ष में एक भी स्मार्ट क्लास की स्वीकृति नहीं मिली।
- वाराणसी में भी बदला स्कूलों के संचालन का समय, जानिए अब कितने से कितने बजे तक खुलेंगे स्कूल
- चन्दौली : भीषण गर्मी और धूप के दृष्टिगत स्कूलों के समय में हुए परिवर्तन, देखें आदेश
- Result declared यूपी टीईटी 2021 : आठ अप्रैल को आएगा परिणाम, कल जारी होगी संशोधित उत्तरमाला
- 69000 शिक्षक भर्ती के संबंध में
- इस विभाग के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को भी मिला बढ़े महंगाई भत्ते का फायदा, इतनी बढ़कर आएगी सैलरी
वित्तीय वर्ष में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से संचालित प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में शामिल आठ ब्लॉकों के परिषदीय स्कूलों में स्मॉर्ट क्लास संचालन के लिए प्रस्ताव मांगा मांगा गया था। इनमें नौगढ़, बर्डपुर, बढ़नी, इटवा, खुनियांव, भनवापुर, डुमरियागंज, मिठवल ब्लाक शामिल रहा। प्रस्ताव मिलने और स्वीकृत होने के बाद इन ब्लॉकों के मिडिल और प्राथमिक विद्यालयों में पूरी तरह से लागू होना था।
- यूपी के किसानों को योगी सरकार का तोहफा, देने जा रही है यह बड़ी सौगात….
- बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने शिक्षामित्रों को लेकर दिया सबसे बड़ा बयान, लाइव वीडियो देखें
- भीषण गर्मी के चलते सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक किया जाए परिषदीय विद्यालयों का समय
- UPTET 2021 की परीक्षा का 8 अप्रैल को आएगा रिजल्ट
- सरकारी शिक्षकों के आइडिया ने बदली बच्चों की दुनिया
- Declared UPTET RESULT GOOD NEWS: कन्फर्म ! इस दिन जारी होगा यूपीटीईटी 2021 का रिजल्ट, यहां कर सकेंगे चेक
- ग्रुप में अश्लील वीडियो और मेसेज भेजने के मामले में बीएसए की तहरीर पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज, पढ़े पूरी खबर
नए सिरे से सभी शिक्षकों को चरणवार ट्रेनिंग होनी थी। स्कूलों में बच्चे कंप्यूटर लैब में डिजिटल बुक पढ़ने की व्यवस्था होती। साथ ही विषयों में नई-नई तकनीक की जानकारी भी ले सकते। साथ ही किसी चीज को वीडियो, फोटो और स्केच के जरिए भी जानने में दक्ष होते। इस प्रयासों पर शासन ने पानी फेर दिया। आठ बलॉकों के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लिहाजा जिले के बच्चों को सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास का सपना पूरा नहीं हो सका। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी तन्मय ने बताया कि प्रस्ताव मिलने के बाद स्वीकृति के शासन को भेजा गया था। अब तक स्वीकृति नहीं मिल सकी है।