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शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या पता नहीं : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या पता नहीं
कांग्रेस के नदीम जावेद के एक सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। ऐसी स्थिति में रिक्त पदों की वास्तविक संख्या उपलब्ध कराना संभव नहीं है।
विद्यालयों में रिक्तियों के सापेक्ष स्नातक बीटीसी डिग्रीधारी तथा टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन से तथा कार्यरत शिक्षा मित्रों के समायोजन के माध्यम से रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है।
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि प्रदेश में कराए गए सर्वे में 42 फीसदी बच्चे कुपोषित पाए गए हैं। कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों को आयरन व फोलिक एसिड की गोलियां तथा कीड़ा मारने वाली दवा दी जाती है। कुपोषण लेकर भाजपा सदस्यों की बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी से तीखी झड़प भी हुई। सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े किए तो मंत्री ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश की डॉक्टर जैसी सलाह देते हैं उसी के अनुसार दवा दी जाती है। इसमें शिक्षा विभाग का क्या दोष है। सवालों की बौछार के बीच बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कुपोषण मिशन का गठन किया गया है जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा व बाल विकास विभाग शामिल हैं। सरकार मिड डे मील योजना केतहत बच्चों को पौष्टिक आहार देकर भी उन्हें कुपोषण से बचाने का प्रयास कर रही है।
प्रश्न प्रहर में कुपोषण के मुद्दे पर लंबी बहस हुई। भाजपा के सदस्यों ने अध्यक्ष से प्रश्न स्थगित करके अगले सत्र में दोबारा लेने का अनुरोध किया तो मंत्री ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि चाहे जितने सवाल पूछे जाएं वह उत्तर देने को तैयार हैं। प्रश्न स्थगित नहीं होगा। मूल सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ‘राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम’ के तहत विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का साल में दो बार स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है। 2014-15 में अक्तूबर से दिसंबर 14 तक 1,12,845 स्कूलों के 76,02,900 छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और इन्हें आयरन, फोलिक एसिड व कीड़ामार दवाओं का वितरण किया गया।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सरकार कुपोषण को लेकर गंभीर नहीं है। आयरन व फोलिक एसिड से हीमोग्लोबिन तो बढ़ सकता है पर कुपोषण दूर नहीं हो सकता। दर्द कहीं और दवा कहीं और की है। इस पर मंत्री ने कहा कि आप जैसे डॉक्टर ही होते हैं परीक्षण करने वाले। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मंत्री ने अपनी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग पर डाल दी। पता नहीं उनकी टिप्पणी स्वास्थ्य मंत्री पर है या डॉक्टरों पर। स्वास्थ्य मंत्री को इंगित किए जाने से मामला गंभीर हो गया है। मंत्री बोले उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री नहीं बल्कि आप जैसे डॉक्टरों पर आरोप लगाया है। अगर सही सुझाव ने दे आपकी डॉक्टरी पर तरस आता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि उनके जैसे डॉक्टरों पर उंगली उठाने से कुछ नहीं होगा।


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