दो परिषदीय स्कूलों में होगी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई : : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

बलरामपुर : अप्रैल माह से शुरू हो रहे परिषदीय स्कूल का नया शिक्षा सत्र लोगों के लिए चर्चा का विषय बना है। साथ ही जिले के दो प्राथमिक स्कूलों (जिला पंचायत परिसर में स्थित आदर्श व भगवती गंज) में सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम से शिक्षण कार्य किए जाने की पहल को स्थानीय लोगों ने सकारात्मक कदम बताया है। लोगों का मानना है कि मान्टेसरी स्कूलों की तर्ज पर ही सरकार द्वारा बच्चों की प्राथमिक शिक्षा के लिए जिले के दो स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दिए जाने के कार्य को सराहनीय बताया।
उनका मानना है कि शैक्षिक सत्र के परिवर्तन व शिक्षण पद्धति की भाषा को बदले जाने का प्राथमिक शिक्षा पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। बच्चे इस नई विधा में रूचि लेंगे। इससे इस नयी शिक्षा व्यवस्था से स्कूलों व शिक्षा में व्यापक परिवर्तन देखने को मिलेगा। प्रस्तुत है परिषदीय शिक्षा के इस परिवर्तित कार्यक्रम पर आधारित लोगों के विचार -
परिवर्तन प्रकृति का नियम है और परिषदीय स्कूलों के शैक्षिक सत्र के संचालन व दो विद्यालयों में हिंदी को छोड़कर अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दिए जाने के लिए शुरू की गई यह पहल सराहनीय है। इस पहल का परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और अगले शैक्षिक सत्र से ही सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के शैक्षिक स्तर में भी परिवर्तन दिखने लगेगा।
- जितेंद्र मिश्र
परिषदीय शिक्षा व्यवस्था में किया गया यह बदलाव जरूरी था। इस व्यवस्था से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के दिमाग में पलने वाले हिंदी विचार समाप्त हो सकेंगे। इससे परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे बच्चें भी अपने निजी स्कूलों की तर्ज पर पढ़ाई करेंगे। साथ ही बच्चों के बीच सरकारी व निजी विद्यालयों को लेकर फैलने वाली भ्रांतियां भी कम हो सकेंगी।
- राजू वर्मा
जिले के दो प्राथमिक स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम में शिक्षण कार्य शुरू होने से इसका लाभ बच्चों को मिलेगा। इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार होने के साथ ही लोगों का मांटेसरी स्कूलों से मोहभंग होगा। परिषदीय स्कूलों में भी बच्चों को पढ़ने के लिए भेजेंगे।
- सत्य प्रकाश
शासन द्वारा शुरू की गई यह योजना अच्छी है। इसमें दो विद्यालयों में पांच से अधिक शिक्षक तैनात किए जाएंगे। इससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेंगी। परिषदीय स्कूलों में शुरू की जा रही यह व्यवस्था एक बेहतर कदम है। आने वाले कुछ वर्षो में योजना को और भी अधिक प्रभावी ढंग से लागू किए जाने की संभावना है।
- नवीन सिंह


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