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यूपी में 15-20 लाख में हो रहा शिक्षक भर्ती का सौदा

प्रमुख संवाददाता, लखनऊ माध्यमिक शिक्षक संघ की संगोष्ठी में शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और यूपी बोर्ड की मेरिट पर खूब सवाल उठे। संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव की मौजूदगी में कहा कि हमें चिंता है कि कहीं इस बोर्ड का हाल भी बिहार की तरह न हो जाए।
बिहार जैसी स्थिति यहां आई तो यह हम सबके लिए कलंक की बात होगी।
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माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से गन्ना संस्थान सभागार में मंगलवार को ग्रीष्मकालीन विकास गोष्ठी और राज्य परिषद की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान ओम प्रकाश शर्मा ने मेरिट पर सवाल उठाते हुए कहा कि बाराबंकी का एक स्कूल है जो लगातार पोजीशन होल्डर बन रहा है। पहले कानपुर के एक कॉलेज से ही टॉपर्स निकलते थे। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव और निदेशक अमरनाथ वर्मा से कहा कि ये इतने ही अच्छे स्कूल हैं तो हम मांग करते हैं कि टॉपर्स की कॉपियां परीक्षा के बाद सार्वजनिक की जाएं। ताकि हम भी उन्हें देखकर मार्गदर्शन लेकर वैसी ही पढ़ाई करा सकें। बार-बार मांग के बावजूद यह नहीं किया जा रहा है। इससे संदेह होता है। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पर भी सवाल उठाए। कहा कि चयन बोर्ड का जो हाल है, उससे ऐसे ही शिक्षक तैयार होंगे जिससे देश के सबसे पुराने बोर्ड को बिहार बोर्ड बनने में देर नहीं लगेगी। हालांकि इन सवालों पर न तो माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कुछ कहा और न निदेशक ने।

15-20 लाख में हो रहा शिक्षक भर्ती का सौदा

संगोष्ठी में शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार का मुद्दा भी खुलकर उठा। ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि अल्पसंख्यक और संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में 15-20 लाख रुपये में शिक्षकों की तैनाती का सौदा हो रहा है। शिक्षकों के पद नीलाम हो रहे हैं। पद खरीदकर आए ये शिक्षक पढ़ाते भी नहीं हैं। शिक्षकों के बकाया, पेंशन और मृतक आश्रितों की तैनाती के मामले लटके रहते हैं। अफसरों की धारणा बन गई है कि शिक्षकों को खूब मिल रहा है और वे काम कुछ नहीं करते। ऐसे में शिक्षकों के वेतन में भी उनका हिस्सा है। उन्होंने शिक्षा मंत्री और निदेशक से अपील की कि अब विस्फोट की स्थिति आ गई है। संघर्ष की स्थिति आए, उससे पहले कुछ उपाय करिए।

...पर अखिलेश नहीं आए

ओम प्रकाश शर्मा ने शिकायत की कि मुलायम सिंह यादव जब भी मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने कभी हमारा निमंत्रण ठुकराया नहीं। वर्तमान मुख्यमंत्री ने कभी निमंत्रण स्वीकार नहीं किया। हमने मुलायम सिंह से ही अनुरोध किया, तो उन्होंने कहा था कि मैं अखिलेश को भेजूंगा। उसके बाद गांधी भवन में एक कार्यक्रम में सीएम ने खुद आने का आश्वासन दिया, लेकिन हम इंतजार करते रह गए।

मंत्री ने शिक्षकों को दायित्व निभाने की नसीहत दी

संगोष्ठी में शिक्षकों ने विभाग और सरकार को घेरा तो दोनों मंत्रियों ने शिक्षकों को दायित्व निभाने की नसीहत दी। माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने सरकारी स्कूलों में लगातार घट रही शिक्षकों की संख्या पर चिंता जताई। कहा कि बड़े शहरों में राजकीय और एडेड स्कूलों में बच्चे नहीं हैं। शिक्षकों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में वहां शिक्षकों की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा कि एक समय था इन स्कूलों से ही प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्र निकलते थे। आज सीबीएसई की जरूरत क्यों पड़ रही? माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री विजय बहादुर पाल ने भी अपने ही अंदाज में शिक्षकों को नसीहत दी। उन्होंने अब्राहम लिंकन का पत्र पढ़कर सुनाया और शिक्षकों से कहा कि उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

31 अगस्त तक नियमित हो जाएंगे शिक्षक

माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने की प्रक्रिया चल रही है। जो भी अर्ह शिक्षक हैं, उनको 31 अगस्त तक नियमित कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी वादा किया कि मृतक आश्रितों के मामले 30 जून तक निस्तारित करा दिए जाएंगे। पेंशन और बकाया भत्तों के मामले भी तत्काल निस्तारित करवाए जाएंगे।
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