आगरा। शिक्षक
बनने की चाह रखने वालों के लिए बीएड यानी बैचलर ऑफ एजूकेशन का कोर्स करना
जरूरी है। शुरुआत में इसका क्रेज बहुत देखा गया तो धड़ाधड़ बीएड कॉलेज
खुलने लगे।
कुछ ही वर्षों में आगरा यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेजों की संख्या 450 का आंकड़ा पार कर गई, लेकिन अब ये कॉलेज बंद होने के कगार पर हैं। इसका कारण है कि इन कॉलेजों को अब स्टूडेंट ही नहीं मिल पा रहे हैं।
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आगरा यूनिवर्सिटी के खंदारी कैंपस में बनाए गए तीन सेंटर पर बीएड की काउंसिलिंग विगत एक सप्ताह से चल रही है, जो 25 जून को समाप्त हो जाएगी। डॉ बीआरए यूनिवर्सिटी द्वारा प्रतिदिन 20 हजार अभ्यर्थियों को काउसलिंग के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन सेंटर तक पहुंचने के दौरान इनकी संख्या कुछ हजार में सिमट कर रह जाती है। इस संख्या को देख बीएड कॉलेज संचालकों के सिर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। वे परेशान हैं कि इस बार सीट कैसे भरें। यदि सीट नहीं भरी गईं, तो उन्हें कॉलेज बंद ही करना पड़ेगा।
काम न आए ऑफर
बीएड कॉलेज वालों ने स्टूडेंट्स ने अपने कॉलेज की इज्जत बचाने के लिए नो प्रोफिट नो लोस के हिसाब से फीस का प्रास्ताव रखा। वाई फाई कैंपस, एसी क्लास रूम, फ्री ट्रांसपोर्ट का भी ऑफर रखा, लेकिन कॉलेज संचालकों का एक भी वादा उनके काम नहीं आया। आलम यह है कि काउंसिलिंग समाप्त की अंतिम तिथि 25 जून जैसे जैसे नजदीक आती जा रही है, कॉलेज संचालकों की धड़कने भी उसी स्पीड से बढ़ती जा रही हैं।
बंद हो जाएंगे कई कॉलेज
बीएड काउंसलिंग प्रभारी संजीश शर्मा ने बताया कि आगरा यूनिवर्सिटी से संबध अभी 450 बीएड कॉलेज हैं। आगरा यूनिवर्सिटी की बात करें तो यहां पर 47 हजार बीएड सीट हैं। सात दिन की काउंसलिंग में तकरीबन 8 हजार सीटें ही काउंसलिंग के दौरान लॉक हो पाई हैं। अब महज तीन दिन बचे हैं। इस काउंसिलिंग में सवा दो लाख बच्चों को बुलाया गया था। इस बार उम्मीद थी कि सीटों को भरना मुश्किल नहीं होगा, लेकिन स्टूडेंट्स का रुझान इस कदर कम होगा, किसी ने अंदाजा भी नहीं लगाया था। यदि तीन दिनों में ये ही हालात रहे, तो कई कॉलेजों पर ताले लटक जाएंगे।
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कुछ ही वर्षों में आगरा यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेजों की संख्या 450 का आंकड़ा पार कर गई, लेकिन अब ये कॉलेज बंद होने के कगार पर हैं। इसका कारण है कि इन कॉलेजों को अब स्टूडेंट ही नहीं मिल पा रहे हैं।
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आगरा यूनिवर्सिटी के खंदारी कैंपस में बनाए गए तीन सेंटर पर बीएड की काउंसिलिंग विगत एक सप्ताह से चल रही है, जो 25 जून को समाप्त हो जाएगी। डॉ बीआरए यूनिवर्सिटी द्वारा प्रतिदिन 20 हजार अभ्यर्थियों को काउसलिंग के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन सेंटर तक पहुंचने के दौरान इनकी संख्या कुछ हजार में सिमट कर रह जाती है। इस संख्या को देख बीएड कॉलेज संचालकों के सिर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। वे परेशान हैं कि इस बार सीट कैसे भरें। यदि सीट नहीं भरी गईं, तो उन्हें कॉलेज बंद ही करना पड़ेगा।
काम न आए ऑफर
बीएड कॉलेज वालों ने स्टूडेंट्स ने अपने कॉलेज की इज्जत बचाने के लिए नो प्रोफिट नो लोस के हिसाब से फीस का प्रास्ताव रखा। वाई फाई कैंपस, एसी क्लास रूम, फ्री ट्रांसपोर्ट का भी ऑफर रखा, लेकिन कॉलेज संचालकों का एक भी वादा उनके काम नहीं आया। आलम यह है कि काउंसिलिंग समाप्त की अंतिम तिथि 25 जून जैसे जैसे नजदीक आती जा रही है, कॉलेज संचालकों की धड़कने भी उसी स्पीड से बढ़ती जा रही हैं।
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