वेतन के दिनों की तैयारी में जुटी सरकार, वेतन वाले खातों पर निकासी में राहत का नियम नहीं होगा लागू

नई दिल्ली : पहली दिसंबर के बाद बैंकों पर पड़ने वाले वेतन संबंधी दबाव को कम करने की तैयारी सरकार ने शुरू कर दी है। मेट्रो और दूसरे दर्जे के शहरों में नकदी पहुंचाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों व विमानों का
इस्तेमाल किया जाएगा।
वहीं, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पुराने नोट बदलने की तारीख को 30 दिसंबर के बाद आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
 साथ ही नकदी निकालने की सीमा में दी गई राहत वेतन संबंधी खातों पर लागू नहीं होगी।1सोमवार को ही रिजर्व बैंक ने देर रात सकरुलर जारी करके मंगलवार और उसके बाद दो हजार और पांच सौ की नई नकदी के साथ 10, 20, 50 और सौ रुपये के नोट में जमा कराई जाने वाली राशि के एवज में निकासी पर लगी सीमा हटाने की घोषणा की थी। रिजर्व बैंक के सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि निकासी की सीमा में राहत का यह नियम उन खातों पर लागू नहीं होगा जिनमें ग्राहकों का वेतन आता है। चूंकि वेतन को भी वैधानिक करेंसी के तौर पर देखे जाने को लेकर सवाल उठ रहे थे इसलिए रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि यह नियम केवल उतनी ही राशि जमा कराने पर लागू होगा जिनमें पुरानी करेंसी शामिल नहीं होगी।1हालांकि इस नियम को लेकर बैंकों में भ्रम बना हुआ है। बैंकर्स का मानना है कि इस नियम के मुताबिक पैसे निकालने के लिए आने वाले ग्राहकों के संबंध में कैसे तय किया जाएगा कि उसने कब कौन सी करेंसी में पैसे जमा कराए। वैसे, कहा जा रहा है कि बैंकों के सॉफ्टवेयर में बदलाव किया जा रहा है ताकि यह दिक्कत दूर हो सके। उधर, सरकार ने वेतन के दिनों में आने वाली दिक्कतों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। वित्त मंत्रलय ने बैंकों को निकासी की भीड़ से निपटने के लिए अतिरिक्त काउंटर खोलने के निर्देश दिए हैं। बैंकों से कहा गया है कि वेतन की निकासी के वक्त नकदी की कमी न हो इसकी व्यवस्था करने को पहली प्राथमिकता दी जाए।
 नई दिल्ली : नोटबंदी के जरिए काले धन के खिलाफ लड़ाई के बाद अब भाजपा व्यक्तिगत छवि को भी आधार बनाकर मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को निर्देश दिया है कि नोटबंदी के दिन 8 नवंबर से 31 दिसंबर तक के बैंक खाते की पूरी जानकारी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को दें। यह पूरी जानकारी एक जनवरी को देनी होगी। जाहिर है कि अब विपक्ष पर दबाव होगा। हालांकि पार्टी सांसदों को यह सुनिश्चित करने का बीड़ा सौंपा गया है कि अपने क्षेत्रों में हर व्यापारी वर्ग को डिजिटल पेमेंट के बारे में समझाएं
 लखनऊ: लगातार बैंकों की तिजोरी और एटीएम खाली रहने से प्रदेश में गहराते जा रहे नकदी संकट से मंगलवार भी हंगामे, जाम और प्रदर्शन की भेंट चढ़ गया। दिन भर लोग शाखाओं पर हंगामा करते रहे, बैंक कर्मियों से झड़पें हुईं। पश्चिमी उप्र के कई जिलों में लोगों ने दर्जनों प्रमुख मागोर्ं को जाम कर गुस्सा उतारा। कई बैंकों पर लोगों ने ताले भी जड़ दिए।

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