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विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र की दबंगाई शिक्षामित्र पर बरस रही अधिकारियों की कृपा

लखनऊ। सरोजिनी नगर विकासखंड क्षेत्र के परवर पश्चिम स्थित बल सिंह खेड़ा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के कारनामों से बच्चों का भविष्य अंधेरे की ओर जा रहा।

प्रदेश सरकार जहां एक ओर शिक्षा के मामले में बेहद गंभीर दिख रही है तो वही दूसरी तरफ सरोजिनी नगर क्षेत्र के परवर पश्चिम स्थित बल सिंह खेड़ा प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र प्रमोद यादव विद्यालय अवधि में उपस्थिति पंजिका में अपना हस्ताक्षर बनाकर विद्यालय से गायब हो जाता है और एक शिक्षिका के सहारे रहता है पूरा विद्यालय लेकिन शिक्षामित्र प्रमोद यादव हर दिन की तरह सुबह स्कूल आकर विद्यालय के रजिस्टर में हाजिरी लगाकर विद्यालय से चला जाता है और अपने निजी कार्य में लग जाता है विद्यालय की छुट्टी होने से पहले शिक्षामित्र विद्यालय आकर अपनी खानापूर्ति कर देता है शिक्षामित्र के इस कारनामे को देख कर ग्रामीणों ने शिक्षामित्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षामित्र की अनुपस्थिति की सूचना कई बार बीएसए को दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई शिक्षामित्र अपने रवैया से बाज नहीं आ रहा शिक्षामित्र के इस कारनामे से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
हेड मास्टर का बेहद करीबी बताया जा रहा शिक्षामित्र
प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्राथमिक विद्यालय का इंचार्ज शिक्षामित्र का बेहद करीबी है जिसके चलते विद्यालय में अपनी मनमानी करता है और कार्यवाही से बच जाता है शिकायतकर्ताओं ने बताया कि कई बार बीएसए से इस मामले को लेकर शिकायत की गई लेकिन मामला ठंडे बस्ते में पढ़ा रहा।
दोपहर की चिलचिलाती धूप में नौनिहालों से शिक्षामित्र घर से मंगाता है पानी
सूत्रों के माने तो विद्यालय में तैनात शिक्षा मित्र प्रमोद यादव दोपहर में लंच के दौरान चिलचिलाती धूप में 1 किलोमीटर दूर अपने घर से ठंडा पानी पीने के लिए नौनिहालों बच्चों को भेजता है पानी ना लाने पर नौनिहाल बच्चों की पिटाई की जाती है ।

वही नौनिहाल बच्चों से पानी मंगवाने के मामले में बीएसए राम नारायण से शिकायत की गई थी जिसके पश्चात अगले ही दिन बीएसए द्वारा विद्यालय जांच टीम भेजी गई अपनी सफाई में शिक्षामित्र प्रमोद यादव ने जांच टीम को बताया कि स्कूल में तैनात सहायक अध्यापिका के नन्हे बच्चे लिए पानी मंगाया गया था लेकिन सवाल इस बात का है कि दोपहर की इस चिलचिलाती धूप में नौनिहाल क्यों को 1 किलोमीटर दूर घर से ठंडा पानी मंगाना किस हद तक सही है।
विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र विद्यालय की जमीन पर कर रखा है अवैध कब्जा
विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र स्कूल परिसर की जमीन पर ही कर रखा है अवैध कब्जा शिक्षामित्र द्वारा विद्यालय परिसर की जमीन पर कब्जा करने के मामले में प्रशासन ने हाल ही में मामले को संज्ञान में लिया विद्यालय परिसर में बना अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिया गया लेकिन विद्यालय परिसर की जमीन पूरी तरह से शिक्षामित्र के कब्जे से मुक्त नहीं हो पाई वर्तमान समय में परिसर की जमीन पर कब्जा कर रखा है।
विद्यालय परिसर में ही खुद रखा है 25 फीट गहरा गड्ढा
आपको बता दें कि जिस विद्यालय में वर्तमान समय में शिक्षामित्र तैनात है उसी विद्यालय परिसर में 25 फीट गहरा गड्ढा खोदकर बड़ा बोर करा दिया और आराम से खेतों की सिंचाई करता है यह सब सुनकर आप भी जान गए होंगे कि सरकारी संपत्ति पर किस कदर शिक्षामित्र हावी है।
25 फीट गहरा गड्ढा कर रहा नौनिहालों का मौत का इंतजार
शिक्षा मित्र द्वारा विद्यालय परिसर में खुद गया 25 फीट गहरा गड्ढा कर रहा बच्चों के जिंदगी निगलने का इंतजार परिसर में बच्चे खेलने कूदने के दौरान कभी भी हो सकते हैं 25 फीट गहरे गड्ढे का शिकार
बारिश में तो गड्ढा ऊपर तक भर जाता है जिस के दौरान कई बार हादसा होते-होते बच गया लेकिन लगता है कि शिक्षामित्र पर कार्यवाही की बजाय स्कूल प्रशासन किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है।
शिकायत करने वाले को धमकाता है शिक्षामित्र
ग्रामीणों ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति शिक्षामित्र के खिलाफ शिकायत करता है तो शिक्षामित्र डराता धमकाता है और फर्जी एप्लीकेशन देकर शिकायतकर्ता को परेशान करता है जिससे ग्रामीण शिक्षामित्र के खिलाफ बोलने से कतराते हैं। इस मामले को लेकर जब बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात करनी चाही तो फोन कट कर दिया गया जिससे साफ पता चलता है कि शिक्षक को बचाने की कोशिश की जा रही है
सरकार के बड़े बड़े दावे फेल
एक बड़ा सवाल है यह है कि सरकार प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षा को जहां दुरुस्त करने की बात कह रही है तो वहीं इससे यह साफ जाहिर होता है कि सरकार लाख दावे करें लेकिन टीचरों की मनमानी साफ देखने को मिलती है। जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार की तरफ गिरता नजर आ रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि ऐसे में प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों पर कब तक कार्यवाही होगी।

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