ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखपुर में 24 शिक्षकों को अपने
हाथ से नियुक्ति पत्र देकर शिक्षक भर्ती का शुभारंभ किया। इस चरण में
बीटीसी-टीईटी पास 12,460 नए शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।
डीडीयू के दीक्षा भवन में आयोजित समारोह में
योगी ने आठ जिलों के 24 शिक्षकों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र सौंपते
हुए कहा कि पहली बार नियुक्ति पत्र देते समय शिक्षकों को संबोधित करने का
मौका बेसिक शिक्षा विभाग ने दिया है। उन्होंने कहा कि 15 जून तक सभी नव
नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दे दिए जाएंगे। सीएम ने इसके लिए विभाग
को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि 2016 से ही यह अभ्यर्थी काउंसलिंग कराने के
बाद इंतजार कर रहे थे। कोर्ट ने सरकार पर निर्णय छोड़ा तो अभ्यर्थी बेसिक
शिक्षा मंत्री के घर पहुंच गए। जब उन्हें (योगी को) इस बात की जानकारी मिली
तो उन्होंने खुद फोन कर मंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल को बुलाया। यह जानने
के बाद कि सभी योग्य हैं और चयन प्रक्रिया पूरी कर आए हैं, उन्होंने निर्णय
लेने में जरा भी देर नहीं लगाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा
तो 68,500 नए शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया 25 या 26 मई से शुरू कर दी
जाएगी। दिसंबर तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि पिछले वर्ष बेसिक शिक्षा विभाग ने 1.54 करोड़ बच्चों का नामांकन
कराया। बच्चों को दो-दो ड्रेस, जूते, बस्ते व पाठ्य सामग्री दी गई। जूते
फटने पर कुछ लोगों ने तंज किया। उन्हें शायद नहीं मालूम कि जूते पहनने पर
ही फटते हैं। इसीलिए सरकार ने जूते की सप्लाई देने वाली फर्म से एक साल की
गारंटी भी ली थी। दरअसल गरीब के बच्चे एक ही ड्रेस व जूते में पढ़ने जाते
हैं और घर का अन्य काम भी करते हैं। शिक्षक यह कोशिश करें कि अभिभावकों से
बात कर उनके लिए एक अलग ड्रेस की भी व्यवस्था करने को कहें।
उन्होंने
कहा कि स्कूल की सफाई पर भी शिक्षकों और विद्यार्थियों को ध्यान देना है।
उन्होंने स्वीकार किया कि संसाधनों की कमी है और इसका उपाय सरकार कर रही
है। गोरखपुर के स्कूलों में डेस्क-बेंच के लिए उन्होंने अपनी निधि दे दी
है। जनप्रतिनिधियों और व्यापारिक संगठनों के सहयोग से प्रदेश के ढाई हजार
स्कूलों को आदर्श बना दिया गया है। कई स्कूलों को वहां के शिक्षकों ने अपनी
मेहनत से चमकाया है। ऐसे शिक्षक धन्यवाद के पात्र हैं।
प्रदेश के आठ जिले सबसे पिछड़े
योगी
ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश भर के सबसे पिछड़े 115 जिलों की सूची तैयार
कराई है। इनमें आठ जिले यूपी के भी हैं। सिद्धार्थनगर, बलरामपुर,
श्रावस्ती, चंदौली, सोनभद्र,
फतेहपुर आदि इनमें शुमार हैं। यह हर
मायने में पिछड़े हैं। यदि नव नियुक्त शिक्षकों में से कोई इन जिलों में
तैनाती लेकर स्कूल को आदर्श बनाने की चुनौती स्वीकारेगा तो उन्हें खुशी
होगी।
योगी सरकार में नौकरी जाते भी देर नहीं लगती : मंत्री
कार्यक्रम
को संबोधित करते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने नवनियुक्त
शिक्षकों को शुभकामनाएं दी और कहा कि जहां तैनाती मिल रही है, वहां जाकर
सबसे बेहतर काम
करने का प्रयास करें। नौकरी खुद आपने चुनी है,
इसलिए इसकी सिफारिश मत करना कि आपको किसी तरह की छूट दी जाए। इस सरकार में
नौकरी जिस तरह से योग्य लोगों को
आसानी से मिल रही है, उसी तरह से अयोग्य लोगों की नौकरी जा भी रही है। योगी सरकार में नौकरी जाते भी देर नहीं लगती।
2016 में शुरू हुई थी भर्ती प्रक्रिया
बेसिक
शिक्षा विभाग ने 2016 के अप्रैल महीने में 12,460 शिक्षकों की भर्ती के
लिए प्रक्रिया शुरू की थी। मार्च 2017 में इस पर रोक लगा दी गई। तब तक
काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी
कर सभी अभ्यर्थियों का रिजल्ट घोषित हो
चुका था। अभ्यर्थी कोर्ट ले गए। कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद नियुक्ति का
मामला राज्य सरकार पर छोड़ दिया था। तभी से यह अभ्यर्थी
त्रिशंकु की तरह फंसे हुए थे। 16 मार्च को मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने बाद राज्य सरकार ने नियुक्ति से रोक हटा ली।
नियुक्ति पत्र
जिला शिक्षक
महराजगंज - 97
देवरिया - 292
कुशीनगर - 90
बस्ती - 215
सिद्धार्थनगर - 52
अम्बेडकर नगर - 58
सुल्तानपुर - 50
बहराइच - 44