इलाहाबाद यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा
2018 में परीक्षार्थियों के अंक मनमाने तरीके से बढ़ाने का मामला थम नहीं
रहा है। अब परीक्षा छोड़ने वालों के आकड़े को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े हो
गए हैं,
क्योंकि इम्तिहान शुरू होने के चौथे दिन यानि 10 फरवरी को ही बोर्ड
ने दावा किया था कि 10 लाख 47 हजार 406 ने परीक्षा छोड़ दी है, जबकि
रिजल्ट में कहा गया कि कुल 10 लाख छह हजार 408 परीक्षार्थियों ने ही छोड़ा
है। ऐसे में परीक्षा के बाकी 21 दिन तक इम्तिहान छोड़ने का दिया गया आकड़ा
क्या फर्जी था? 1बोर्ड ने परीक्षा खत्म होने के बाद दावा किया कि कुल 11
लाख 29 हजार 786 ने इम्तिहान छोड़ा है, वहीं बोर्ड अब हाईस्कूल व
इंटरमीडिएट में परीक्षा छोड़ने वालों की संख्या महज दस लाख छह हजार 408 ही
बता रहा है। ऐसे में एक लाख 23 हजार 378 परीक्षार्थी कहां गुम हो गए? या
फिर बिना परीक्षा दिए ही उन सभी को उत्तीर्ण कर दिया गया है? इन सवालों का
बोर्ड के अफसर जवाब देने को तैयार नहीं है। 1खास बात यह है कि प्रदेश के उप
मुख्यमंत्री व माध्यमिक शिक्षा मंत्री डा. दिनेश शर्मा ने लखनऊ व अन्य
जिलों में परीक्षा छोड़ने वालों की संख्या बताते हुए दावा किया था कि ये
सभी गैर प्रांत के परीक्षार्थी थे, जो सख्ती के कारण भाग खड़े हुए। परीक्षा
परिणाम में बोर्ड प्रशासन के परीक्षा छोड़ने वालों का आकड़ा बदल देने से
अब मंत्री का बयान भी घेरे में है। उधर, यूपी बोर्ड की ओर से कहा गया है कि
83 हजार 753 आवेदन निरस्त होने पर हाईस्कूल व इंटर की पंजीकरण संख्या घटा
चुके हैं।परीक्षा छोड़ने वालों की संख्या सभी केंद्रों से भेजी गई है।
इसमें बोर्ड का कोई रोल नहीं है।
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