नई दिल्ली : महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को बड़े पैमाने पर मनाने की
तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस सिलसिले में राष्ट्रपति भवन में आयोजन समिति
के सभी सदस्यों की पहली हुई। इसमें प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के
विचारों को जीवन में उतारने और उसे जन-जन तक पहुंचाने पर जोर दिया। सुषमा
स्वराज ने सभी 193 देशों में इस अवसर कार्यक्रम की तैयारियों की जानकारी
दी। में संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और भारत
के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र उपस्थित नहीं थे।
आयोजन समिति की पहली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा
कि महात्मा गांधी जैसे महापुरुष को सिर्फ सम्मान देना काफी नहीं, बल्कि
सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आम लोगों के जीवन का हिस्सा बने।
सूत्रों के अनुसार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की
150वीं जयंती को सिर्फ खानापूर्ति की तरह नहीं, एक जनांदोलन की तरह मनाना
चाहिए। के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि महात्मा गांधी ने देश के
लिए अपनी जान दे दी। उन्होंने एक ऐसे आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे हमारी
पीढ़ियां आजाद हवा में सांस ले रही हैं और जीवंत लोकतंत्र में रह रहे हैं।
आयोजन समिति की को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि
महात्मा गांधी की अहमियत सिर्फ भारत को राजनीतिक आजादी दिलाने तक सीमित
नहीं है, बल्कि उन्होंने आर्थिक, सामाजिक, जातिगत व धार्मिक सभी तरह का
भेदभाव खत्म कर बेहतर भारत के निर्माण की राह भी दिखाई थी। जब हम महिलाओं,
बच्चों, दलितों और पिछड़ों के उत्थान के लिए काम करते हैं, तब महात्मा
गांधी को सम्मान दे रहे होते हैं। 1गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव दिया
कि इस दौरान आयोजन समिति के मातहत एक छोटी समिति का गठन किया जाना चाहिए
ताकि उसकी जल्दी-जल्दी हो और त्वरित फैसले लिये जा सके। उनका कहना था कि
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की तैयारियों के सिलसिले में आयोजन
समिति की लगातार मिलना चाहिए।
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