गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, छात्रों
और शोधार्थियों किताबों, रिसर्च जनरल अथवा विभिन्न संदर्भो की पड़ताल के
लिए लाइब्रेरी में जाने की जरूरत नहीं होगी।
वे कहीं भी रहें विश्वविद्यालय
की सेंट्रल लाइब्रेरी अब हमेशा उनके स्मार्टफोन में एक क्लिक पर उपलब्ध
होगी। बस उन्हें विश्वविद्यालय से यूजर आइडी और पासवर्ड लेना होगा। यह सेवा
अक्टूबर-नवंबर से शुरू किए जाने की तैयारी है।
बीते 30 अप्रैल को अपने कार्यकाल के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर
कुलपति प्रो. वीके सिंह ने अगले एक वर्ष की अपनी प्राथमिकताओं पर चर्चा की
थी। इसमें केंद्रीय ग्रंथालय के डिजिटाइजेशन और ऑटोमेशन का काम प्राथमिकता
में बताया था। जाहिर है कि अब केंद्रीय ग्रंथालय को आधुनिक तकनीक के सहारे
छात्रों-शिक्षकों और शोधार्थियों के लिए अधिक उपयोगी बनाया जाना है।
ई-लाइब्रेरी इसी दिशा में पहला कदम है। ई-लाइब्रेरी के लिए अब तक तीन-चार
एजेंसियों ने ई-लाइब्रेरी बाबत कुलपति के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया भी है,
लेकिन किसी को हरी झंडी नहीं मिल सकी है। दरअसल शैक्षिक गतिविधियों के इस
महत्वपूर्ण हिस्से को कुलपति भविष्य की जरूरतों के मद्देनजर तैयार करना
चाहते हैं, ऐसे में अभी कुछ और एजेंसियों के प्रोजेक्ट पर विचार किया जाएगा
और सबसे बेहतर को लागू किया जाएगा। नैक के लिए भी अहम है पुस्तकालय :
शिक्षक भर्ती के बाद अब विश्वविद्यालस नैक मूल्यांकन पर फोकस कर रहा है।
नैक में अच्छे ग्रेड पाने के लिहाज से लाइब्रेरी अहम है। ऐसे में
ई-लाइब्रेरी की सुविधा जल्द से जल्द शुरू करने की योजना है। जल्द ही डिजिटल
पुस्तकों की खरीद होनी है, इसके लिए पिछले वित्तीय वर्ष में पांच लाख
रुपये मिल गए थे और अब इस वर्ष भी इतनी ही धनराशि मिलनी है। 15 दिन के लिए
मिलेंगी ई-पुस्तकें : ई-लाइब्रेरी में छात्रों को एक किताब 15 दिन के लिए
जारी की जाएगी। अपने स्मार्टफोन पर वह विश्वविद्यालय द्वारा दी गई यूजर
आइडी और पासवर्ड से ई-बुक्स पोर्टल लॉगिन करेगा और कैटलॉग में उपलब्ध
किताबों में से अपनी जरूरत की किताब के लिए आवेदन करेगा। तत्काल ही उसे
किताब आवंटित हो जाएगी। चार साल बाद खरीदी जाएंगी नई किताबें :
विश्वविद्यालय में चार वर्ष के बाद अब नई किताबों की खरीद की प्रक्रिया
शुरू हो रही है। इसके लिए प्रशासनिक अनुमति मिल गई है और जल्द ही शिक्षकों
से किताबों की सूची मांगी जाएगी। योजना है कि नए सत्र की शुरुआत से पहले
केंद्रीय ग्रंथालय को और समृद्ध कर दिया जाए। यही नहीं ग्रंथालय के वाचनालय
में विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था और अधिक व्यवस्थित की जाएगी।
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पुस्तकालय के डिजिटाइजेशन और ऑटोमेशन की कवायद पिछले छह माह से चल रही
है। ई-लाइब्रेरी इस दिशा में एक प्रयास है। हम पुस्तकालय को भविष्य की
जरूरत के मद्देनजर रूप देना चाहते हैं। ई-लाइब्रेरी विद्यार्थियों के लिए
एक अच्छी सुविधा साबित होगी।
प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा
मानद ग्रंथालयी
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