सुल्तानपुर। पिछली 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षामित्रों का
समायोजन निरस्त किए जाने के बाद सहायक अध्यापक पद से भले ही शिक्षामित्रों
को हटा दिया गया हो लेकिन जिले के 2342 समायोजित शिक्षकों का पद नाम
विद्यालयों में अभी भी सहायक अध्यापक ही है।
शासन से स्पष्ट गाइड लाइन जारी न होने के कारण विभागीय अधिकारी भी इस मामले में कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त किए जाने के आदेश के बाद भी जिले के 2342 समायोजित शिक्षक फिर से शिक्षामित्र हो गए हैं। बावजूद इसके शिक्षामित्रों का पद नाम अभी भी सहायक अध्यापक ही है। इसी पद नाम पर वे बाकायदा उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं। शिक्षामित्रों के समायोजन निरस्त करने के बाद शासन स्तर से पद नाम को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं हुआ है। इस वजह से विभागीय अधिकारी भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एसबी सिंह ने बताया कि उपस्थिति पंजिका पर शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद नाम पर हस्ताक्षर करने के मामले में शासन स्तर से कोई दिशा-निर्देश मिलने के बाद कार्यवाही की जाएगी।
इनसेट:
सीसीएल व मैटरनिटी लीव का मामला भी उलझा
समायोजित शिक्षकों को मातृत्व अवकाश एवं चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) अनुमन्य होती थी। समायोजन निरस्त होने के बाद इन दोनों अवकाशों पर भी ग्रहण लग गया। चूंकि शिक्षामित्रों को दोनों अवकाश अनुमन्य नहीं है, इसलिए विभाग उनकी सूची तैयार कर रहा है जो समायोजन के बाद छुट्टी लेकर अवकाश पर हैं।
इनसेट:
स्कूलों में बढ़ी उपस्थिति
दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने के बाद स्कूलों में शिक्षामित्रों की उपस्थिति में वृद्धि हुई है। बेसिक शिक्षा परिषद एवं शासन ने सभी स्कूलों में शिक्षामित्रों की उपस्थिति जांचने के लिए बीएसए को निर्धारित प्रारूप पर प्रतिदिन सूचना भेजने को कहा था। बेसिक शिक्षा अधिकारी संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों एवं न्याय पंचायत समन्वयकों से शिक्षामित्रों की उपस्थिति की सूचना भी प्रतिदिन भेज रहे हैं।
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शासन से स्पष्ट गाइड लाइन जारी न होने के कारण विभागीय अधिकारी भी इस मामले में कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त किए जाने के आदेश के बाद भी जिले के 2342 समायोजित शिक्षक फिर से शिक्षामित्र हो गए हैं। बावजूद इसके शिक्षामित्रों का पद नाम अभी भी सहायक अध्यापक ही है। इसी पद नाम पर वे बाकायदा उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं। शिक्षामित्रों के समायोजन निरस्त करने के बाद शासन स्तर से पद नाम को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं हुआ है। इस वजह से विभागीय अधिकारी भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एसबी सिंह ने बताया कि उपस्थिति पंजिका पर शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद नाम पर हस्ताक्षर करने के मामले में शासन स्तर से कोई दिशा-निर्देश मिलने के बाद कार्यवाही की जाएगी।
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सीसीएल व मैटरनिटी लीव का मामला भी उलझा
समायोजित शिक्षकों को मातृत्व अवकाश एवं चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) अनुमन्य होती थी। समायोजन निरस्त होने के बाद इन दोनों अवकाशों पर भी ग्रहण लग गया। चूंकि शिक्षामित्रों को दोनों अवकाश अनुमन्य नहीं है, इसलिए विभाग उनकी सूची तैयार कर रहा है जो समायोजन के बाद छुट्टी लेकर अवकाश पर हैं।
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स्कूलों में बढ़ी उपस्थिति
दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने के बाद स्कूलों में शिक्षामित्रों की उपस्थिति में वृद्धि हुई है। बेसिक शिक्षा परिषद एवं शासन ने सभी स्कूलों में शिक्षामित्रों की उपस्थिति जांचने के लिए बीएसए को निर्धारित प्रारूप पर प्रतिदिन सूचना भेजने को कहा था। बेसिक शिक्षा अधिकारी संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों एवं न्याय पंचायत समन्वयकों से शिक्षामित्रों की उपस्थिति की सूचना भी प्रतिदिन भेज रहे हैं।
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