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शिक्षामित्रों के समर्थन में उतरे BJP सांसद, कहा- PM तक पहुंचाऊंगा प्रॉब्लम

लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट से समायोजन कैंसिल होने के बाद अभी भी शिक्षामित्र अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए है। उन्होंने अपने समर्थन में सभी डिस्ट्रिक्ट के सांसदों से मदद की अपील की है।
अपील पर संतकबीर नगर के सांसद शरत त्रिपाठी उनके समर्थन में उतरे। उन्होंने देश के पीएम नरेन्द्र मोदी को शिक्षामित्रों की प्रॉब्लम से अवगत कराने का आश्वासन दिया है। सांसद ने शिक्षामित्रों से कही ये बातें...
- सांसद शरत त्रिपाठी ने कहा- ''लोकसभा में मैंने खुद शिक्षामित्रों का मुद्दा 4 बार उठाया है। 30 से अधिक सांसदों का समर्थन मिल चुका है।''
- ''मामला कोर्ट का है, इसलिए केंद्र सरकार भी सीधे इस मसले पर कोई एक्शन नहीं ले सकती है। पीएम से मेरी बात हुई है।''
- ''उन्होंने बनारस में कहा था कि हम शिक्षामित्रों का अहित नहीं होने देंगे। वो कुछ दिन और धैर्य बनाए रखें। अगर कानून में बदलाव करने की जरुरत होगी तो उसे वो भी हो सकता है।''
- ''हमारी सरकार लोगों को कैसे रोजगार मिले इस दिशा में काम कर रही है। हमारा मकसद है रोजगार देना है, न की छिनना।''
क्या है शि‍क्षामित्रों का मामला?
- यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना होगा। इसके लिए उन्हें दो साल में दो मौके मिलेंगे।
- बता दें, 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में यह फैसला उनके ऊपर भी लागू होगा। साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी।
-जस्ट‍िस एके गोयल और ज‍स्ट‍िस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा।
-सुप्रीम कोर्ट से समायोजन कैंसिल होने के बाद से शिक्षामित्र योगी सरकार से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शि‍क्षामित्रों को 3500 रूपए मानदेय मिलता है जिसे वो 39 हजार रूपए करने की मांग कर रहे हैं।
-मानदेय बढ़ाने, अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का समायोजन करने सहित कई अन्य मुद्दों पर शिक्षामित्रों की योगी आदित्यनाथ और अपर सचिव बेसिक शिक्षा, राज प्रताप से अब तक कुल 3 बार वार्ता हुई थी। इसके बाद योगी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग कर शिक्षामित्रों को मानदेय 10 हजार रूपए तय कर दिया। लेकिन इसके बाद भी शिक्षामित्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
पीएम को शिक्षामित्रों ने लिखा लेटर
- आपको अवगत कराना है कि ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले से 25 जुलाई 2017 से यूपी के प्राइमरी स्कूलों के 1.70 लाख शिक्षामित्र बेरोजगार हो गये है।’
- उनके सामने परिवार के भरण पोषण का संकट पैदा हो गया है। मेंटली टॉर्चर के कारण 52 से अधिक शिक्षामित्रों की हार्ट अटैक से अब तक डेथ हो चुकी है।
- प्रदेश भर के शिक्षामित्र दिल्ली से लेकर यूपी तक आंदोलन कर चुके है। सीएम योगी से लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात के बाद भी कोई हल नहीं निकाला जा सका।
- शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया यदि दोषपूर्ण है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट कह रहा है, तो इसके लिए शिक्षामित्र दोषी नहीं है। बल्कि सिस्टम को बनाने वाला तंत्र इसका दोषी है।
- शिक्षामित्र 17 सालों से गरीब, आमिर, दलित, शोषित सभी वर्गों के बच्चे को बिना किसी के भेदभाव के पढ़ाने का काम कर रहे है। उन्हें एक झटके में निकालना ठीक बात नहीं है।
याद दिलाया शिक्षामित्रों से किए गए वादे
- वाराणसी में इलेक्शन कम्पेन में मोदी जी आपने कहा था, ''शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी मेरी है।''
- यूपी में मेरी सरकार आते ही आध्यादेश में संसोधन कर शिक्षामित्रों का समायोजन किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने भी यही वादा किया था।
- बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में भी इसे शामिल भी किया। अब शिक्षामित्रों के साथ किए गए वादे को पूरा करने का सही समय आ गया है।
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