शिक्षामित्र के पद पर तैनात रहीं एक महिला की शनिवार की सुबह दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत समायोजन रद्द होने से लगे सदमे के चलते हुई है।
वह तभी से बीमार थी और दिल्ली में उपचार जारी था। सहपऊ के ढकपुरा निवासी महाराज सिंह की बेटी अरुणा की वर्ष 2006 में ही गांव के स्कूल में शिक्षामित्र के पद पर नियुक्त हुईं। छह वर्ष पूर्व उनकी शादी मेंडू निवासी शांतनू से हुई। दूसरे बैच में उनका सहायक अध्यापिका के पद पर सहपऊ के ही नगला सुखराम स्थित प्राथमिक विद्यालय में समायोजन हुआ।
उनके एक बेटा भी है। परिजनों के अनुसार समायोजन रद्द होने से वरुणा काफी परेशान हो गई थीं। जिसके कारण उनकी तबियत भी खराब हो गई। परिवार के लोगों ने शहर के प्राइवेट अस्पताल में भी उनका इलाज कराया, लेकिनहालत में कोई सुधार नहीं हुआ। वरुणा के पति शान्तनु ने बताया कि शुक्रवार की शाम को उन्हें गम्भीर हालत में अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यहां पर उनकी हालत और ज्यादा खराब हो गई। रात के दो बजे उन्हें दिल्ली ले गए और यहां के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में सुबह पांच बजे भर्ती कराया गया। जहां पर इलाज के दौरान सुबह आठ बजे अरुणा की मौत हो गई। परिजन उनका शव लेकर मेंडू आ गए। इस बात की जानकारी मिलते ही उनके परिवार में मातम छा गया। सूचना मिलते ही जनपद के तमाम शिक्षामित्र भी मेंडू पहुंच गए और उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
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वह तभी से बीमार थी और दिल्ली में उपचार जारी था। सहपऊ के ढकपुरा निवासी महाराज सिंह की बेटी अरुणा की वर्ष 2006 में ही गांव के स्कूल में शिक्षामित्र के पद पर नियुक्त हुईं। छह वर्ष पूर्व उनकी शादी मेंडू निवासी शांतनू से हुई। दूसरे बैच में उनका सहायक अध्यापिका के पद पर सहपऊ के ही नगला सुखराम स्थित प्राथमिक विद्यालय में समायोजन हुआ।
उनके एक बेटा भी है। परिजनों के अनुसार समायोजन रद्द होने से वरुणा काफी परेशान हो गई थीं। जिसके कारण उनकी तबियत भी खराब हो गई। परिवार के लोगों ने शहर के प्राइवेट अस्पताल में भी उनका इलाज कराया, लेकिनहालत में कोई सुधार नहीं हुआ। वरुणा के पति शान्तनु ने बताया कि शुक्रवार की शाम को उन्हें गम्भीर हालत में अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यहां पर उनकी हालत और ज्यादा खराब हो गई। रात के दो बजे उन्हें दिल्ली ले गए और यहां के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में सुबह पांच बजे भर्ती कराया गया। जहां पर इलाज के दौरान सुबह आठ बजे अरुणा की मौत हो गई। परिजन उनका शव लेकर मेंडू आ गए। इस बात की जानकारी मिलते ही उनके परिवार में मातम छा गया। सूचना मिलते ही जनपद के तमाम शिक्षामित्र भी मेंडू पहुंच गए और उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
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