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वायरल विडियो मामले पर नहीं होगी कोई कार्रवाई: सपा सरकार में हुई आयोग की भर्तियों पर फिर उठे सवाल

एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : नगर निगम में महिला राजस्व निरीक्षक के वायरल विडियो ने सपा शासन में हुई अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
आयोग शुरुआत से ही विवादों में रहा था। ज्यादातर भर्तियों में गड़बड़ी के आरोप पहले भी लगे थे। बीजेपी सरकार बनने के बाद कई भर्तियां रोक दी गई थीं और अध्यक्ष सहित सदस्यों ने इस्तीफा भी दिया था।

पेपर लीक से धांधली तक के लगे आरोप

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की अवर अधीनस्थ (लोवर सबऑर्डिनेट) परीक्षा में पर्चा लीक का आरोप लगा था और अभ्यर्थियों ने हंगामा किया था। इसी तरह हथकरघा परीक्षा में इंटरव्यू में धांधली और जातिवाद के आधार पर चयन के आरोप लगे थे। कई भर्तियों में यह भी आरोप लगे थे कि नियम के विपरीत सीधे इंटरव्यू से चयन कर लिए गए। एक घंटे में 150-200 इंटरव्यू कराए जाने, प्रमाण पत्रों के बिना सत्यापन के चयनितों की लिस्ट जारी करने, लिस्ट में पूरा नाम और पता न जारी करने जैसे कई आरोप भर्तियों में लगे थे।

नए अध्यक्ष और सदस्यों का चयन

बीजेपी सरकार बनते ही आयोग की 11 हजार भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी। उसके कुछ दिन बाद अप्रैल में अध्यक्ष राज किशोर यादव ने इस्तीफा दे दिया था। प्रदेश सरकार ने आयोग के नए सिरे से गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अध्यक्ष और सात सदस्यों के लिए आवेदन मांगे थे। इन आवेदनों की स्क्रीनिंग कर ली गई है और जल्द ही नए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति हो सकती है।


विभाग सीधे तौर पर इसमें कुछ नहीं कर सकता है। हम आरोपित से पूछताछ करेंगे और मामला अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दे देंगे। वह ही बता सकेंगे कि क्या सच है। - मनोज कुमार सिंह,

प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग


नगर निगम नियुक्ति प्राधिकारी नहीं है। इस मामले में शासन या उच्च स्तर से कोई निर्देश आएगा तो कार्रवाई की जाएगी। गुमनाम पत्र के आधार पर कोई भी कार्रवाई की भी नहीं जा सकती। - उदयराज सिंह नगर आयुक्त
नगर निगम से किसी का फोन आया था, जिसमें एक युवक द्वारा इस महिला को प्रताड़ित करने की बात कही गई, किसी पक्ष ने कोई तहरीर नहीं दी है। - आशुतोष त्रिपाठी, एसओ, आलमबाग
राजस्व निरीक्षक के

पद पर महिला की नियुक्ति का मामला
में एक गुमनाम खत भी नगर आयुक्त के पास आया था। इसके बाद से पूरा मामला काफी चर्चा में है।

• एनबीटी संवाददाता, लखनऊ : उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से नगर निगम में राजस्व निरीक्षक के पद पर तैनात हुई महिला के गड़बड़ी के जरिए नियुक्ति की बात स्वीकारने वाले वायरल विडियो के मामले में नगर निगम से लेकर नगर विकास विभाग तक ने पल्ला झाड़ लिया है। इस मामले में नगर विकास विभाग ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की जिम्मेदारी डाल दी है।

प्रमुख सचिव नगर विकास ने साफ किया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से हुई किसी भी नियुक्ति में गड़बड़ी या उस पर कार्रवाई के लिए नगर विकास विभाग जिम्मेदार नहीं है। वहीं नगर आयुक्त ने भी मामले में किसी कार्रवाई से इनकार किया है। पुलिस ने भी किसी भी पक्ष की ओर से तहरीर नहीं मिलने की बात कही है।

यह है मामला

नगर निगम में कुछ समय पहले तैनात हुई राजस्व निरीक्षक अनामिका यादव ने एक वायरल विडियो में गलत तरीके से प्रतियोगी परीक्षा पास करने की बात कही है। पिछले कई दिनों से यह विडियो यू-ट्यूब और वाट्सऐप के जरिए वायरल हो रहा है। विडियो में उसने स्वीकार किया था कि 2016 में हुई राजस्व निरीक्षक की परीक्षा की आंसर शीट उसे पहले ही मिल गई थी। विडियो में उसने घूस देने की भी बात कही है। शनिवार को मामला नगर निगम में काफी चर्चा में रहा है।

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