योगी की कैबिनेट बैठक के बाद शिक्षामित्र को झटका, अब नौकरी मिलने की नहीं उम्मीद

आगरा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में शिक्षा मित्रों को सरकार की तरफ से वेटेज के रूप में दी गई थोड़ी सी राहत से शिक्षामित्र खुश नहीं हैं।
शिक्षामित्र संगठन के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि अब नौकरी मिलने की उम्मीद भी खत्म हो गई है। कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, शिक्षा मित्रों को अधिकतम 25 अंक का वेटेज सरकार भर्ती के दौरान देगी। अब तक टीईटी पास अभ्यर्थियों की सीधे भर्ती हो रही थी, लेकिन अब उन्हें लिखित परीक्षा से भी होकर गुजरना होगा। मेरिट बनाते समय इस लिखित परीक्षा के अंक को भी जोड़ा जाएगा।
TET पास करने के बाद भी नहीं बनेंगे शिक्षक
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने कहा कि लिखित परीक्षा टीईटी क्वालीफाई करने के बाद देनी होगी। शिक्षक भर्ती की मेरिट में लिखित परीक्षा के अंक जोड़े जाएंगे। बेसिक शिक्षकों की भर्ती के लिए 60 नंबर लिखित और 40 नंबर एकेडमिक आधार पर दिए जाएंगे। इस परीक्षा में सिर्फ टीईटी पास अभ्यर्थी ही बैठ सकेंगे। शिक्षामित्रों को भर्ती में भारांक (वेटेज) का लाभ देने संबंधी प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई, इससे थोड़ी सी राहत मिलेगी, लेकिन शिक्षामित्रोंं के लिए ये राहत देकर भी सरकार ने बहुत बड़ा काम नहीं किया है। टीईटी के बाद इस परीक्षा के होने से कम्पटीशन और बढ़ जाएगा। इसमें सरकार का निर्णय है कि शिक्षामित्रों को अधिकतम 10 साल के लिए 25 नंबर मिलगें। शिक्षामित्रों को प्रतिवर्ष के अनुभव के आधार पर ढाई नंबर दिए जाएंगे। इतने वेटेज से कोई फायदा नहीं होने वाला है।
ये उठाए सवाल
जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट के आर्डर मे लिखित परीक्षा भी देने के लिए कहा गया है क्या। उन्‍होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आर्डर में कहीं भी शिक्षामित्रों के परीक्षा देने की बात नहीं कही है, तो शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने से रोकने का यह नया फॉर्मूला कहां से आ गया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रही है, बल्कि वह शिक्षामित्रों के साथ धोखा भी कर रही है। उन्‍होंने कहा कि जब उच्‍चतम न्‍यायायल के आदेश में योग्यता बढ़ाने, भारांक वेटेज, उम्र में छूट की बात कही गई, तो लिखित परीक्षा की बात कहीं से सही नहीं है। वह भी उन परिस्थितियों में जब योगी सरकार के ही मंत्री कहते आ रहे है कि हम शिक्षामित्रों पर लागू सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना वाले योगी सरकार के इस फैसले पर शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पुनर याचिका में सभी सही तथ्‍यों और सरकार के फैसले को उसके सामने रखेंगे।

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