*अति आवश्यक सूचना*
सभी जिला अध्यक्ष/ब्लाक अध्यक्ष।
आप सभी को अवगत कराना है कि 25 जुलाई को शिक्षा मित्र का समायोजन सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त कर दिया गया है।जिस पर संघ द्वारा 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका किया गया है जिसकी सुनवाई दशहरा की छुट्टी के बाद होना है।_______________________ आप लोगों को न्याय दिलाने को लेकर संगठन द्वारा आन्दोलन जिले से लेकर प्रदेश एंव देश स्तर तक किया गया।जिसमे प्रदेश के शिक्षा मित्रो द्वारा पुरा सहयोग दिया गया ,लेकिन सरकार की मंशा साफ न होने के कारण वार्ता में बनी सहमति पर अब तक कोई ठोस निर्णय नही ले सकी।अभी कल कैबिनेट की बैठक में लिए गये निर्णय में भारांक देने के साथ ही लिखित परीक्षा देने का भी कैविनेट में मंजूरी देना यही दर्शता है।कि आप को शिक्षक बनाने में सरकार का कोई रुचि नही है।जबकि सुप्रीम अपने आर्डर में केबल।योग्यता बढाने,उम्र मे छूट,वेटेज/भारांक,शिक्षक भर्ती मे दो अवसर देना है। कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद भी राज्य सरकार द्वारा लिखित परीक्षा को जोड दिया गया इसकी माँग तो किसी भी संगठन द्वारा नही किया गया था।तो फिर ऎसा कदम क्यों उठाया गया।इसे समझने की आवश्यकता है आगे देखियेगा जैसे ही इस भारांक/लिखित परीक्षा का जीओ जारी होगा वैसे ही हाईकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में बीटीसी,टीईटी अभ्यर्थी भारांक को चैलेन्ज करेगें अौर दूरस्थ बीटीसी,टीईटी अभ्यर्थी लिखित परीक्षा कों चैलेज करेगें और यह दोनों लडाई में दो तीन साल निकल जाएगा सरकार केवल आप की लडाई को देखती रहेगी और आप लोग भर्ती की मांग करेगें तो कहा जाएगा आप लोगों का मामला कोर्ट में चल रहा है फैसला आने दिजिए फिर भर्ती किया जाएगा।तो मित्रों आप लोगों कों विचार करना चाहिए जब अभी भी समायोजन बचाने के रास्ते है और वही समायोजन जो सही तरीके से हुआ है अौर आप लोग तीन साल शिक्षक रहे केवल उसे बचाने की लडाई को लडे तभी सबको पुनः सम्मान मिल सकेगा अन्यथा नई भर्ती के इंतजार मे तिनके की तरह विखर जाएगें ।जो हाईकोट इलाहावाद द्वारा तीन विन्दुओं पर आरोप लगाकर आप का समायोजन निरस्त कर दिया गया था(जैसे:-उमा देवी केस में भर्ती में सबको समान अवसर देना,आरक्षण ,टीईटी ) इन सभी पर संघ द्वारा सुप्रीम कोर्ट में साक्ष्य सहित संघ के सभी बरिष्ठ आधिवक्ताओं ने बहस किया और लिखित सबमिशन भी दाखिल किया गया,Ncte का पत्र,समायोजन का बिज्ञापन दिया गया,Ncteने लिखित काउन्टर दिया।एंव बचाव में तमाम साक्ष्य प्रस्तुत किया गया लेकिन यह सब साक्ष्य देने के बाद भी आर्डर में कही दिखाया नही गया है और शिक्षा मित्रों को हार मिला इस लिए संघ को पूरा भरोषा है कि पुनः सभी साक्ष्यों के साथ सुप्रीम कोर्ट में पूर्नविचार याचिका दाखिल किया गया है और शिक्षा मित्रों को न्याय दिलाने के लिए सांविधान पीठ तक लडाई को लडा जाएगा अौर अभी भी न्याय जिंदा है न्याय जरूर मिलेगा क्यों कि कोर्ट का फैसला साक्ष्य सबूत के आधार पर होता है और संघ की तरफ से सभी साक्ष्य दिया गया है।
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*जो बीच राह में बैठ गये बैठे ही रह जाते है।*
*जो लगातार चलते रहते निश्चित मंजिल पाते है।*
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*सभी जिला अध्यक्ष/ब्लाक अध्यक्ष अबिलंम्ब न्यायिक शुल्क संगठन के पास अवश्य जमा कर दे।बैठने से नही लडने से ही समायोजन बचेगा।*
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*गाजी इमाम आला*
*प्रदेश अध्यक्ष,उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ।*
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सभी जिला अध्यक्ष/ब्लाक अध्यक्ष।
आप सभी को अवगत कराना है कि 25 जुलाई को शिक्षा मित्र का समायोजन सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त कर दिया गया है।जिस पर संघ द्वारा 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका किया गया है जिसकी सुनवाई दशहरा की छुट्टी के बाद होना है।_______________________ आप लोगों को न्याय दिलाने को लेकर संगठन द्वारा आन्दोलन जिले से लेकर प्रदेश एंव देश स्तर तक किया गया।जिसमे प्रदेश के शिक्षा मित्रो द्वारा पुरा सहयोग दिया गया ,लेकिन सरकार की मंशा साफ न होने के कारण वार्ता में बनी सहमति पर अब तक कोई ठोस निर्णय नही ले सकी।अभी कल कैबिनेट की बैठक में लिए गये निर्णय में भारांक देने के साथ ही लिखित परीक्षा देने का भी कैविनेट में मंजूरी देना यही दर्शता है।कि आप को शिक्षक बनाने में सरकार का कोई रुचि नही है।जबकि सुप्रीम अपने आर्डर में केबल।योग्यता बढाने,उम्र मे छूट,वेटेज/भारांक,शिक्षक भर्ती मे दो अवसर देना है। कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद भी राज्य सरकार द्वारा लिखित परीक्षा को जोड दिया गया इसकी माँग तो किसी भी संगठन द्वारा नही किया गया था।तो फिर ऎसा कदम क्यों उठाया गया।इसे समझने की आवश्यकता है आगे देखियेगा जैसे ही इस भारांक/लिखित परीक्षा का जीओ जारी होगा वैसे ही हाईकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में बीटीसी,टीईटी अभ्यर्थी भारांक को चैलेन्ज करेगें अौर दूरस्थ बीटीसी,टीईटी अभ्यर्थी लिखित परीक्षा कों चैलेज करेगें और यह दोनों लडाई में दो तीन साल निकल जाएगा सरकार केवल आप की लडाई को देखती रहेगी और आप लोग भर्ती की मांग करेगें तो कहा जाएगा आप लोगों का मामला कोर्ट में चल रहा है फैसला आने दिजिए फिर भर्ती किया जाएगा।तो मित्रों आप लोगों कों विचार करना चाहिए जब अभी भी समायोजन बचाने के रास्ते है और वही समायोजन जो सही तरीके से हुआ है अौर आप लोग तीन साल शिक्षक रहे केवल उसे बचाने की लडाई को लडे तभी सबको पुनः सम्मान मिल सकेगा अन्यथा नई भर्ती के इंतजार मे तिनके की तरह विखर जाएगें ।जो हाईकोट इलाहावाद द्वारा तीन विन्दुओं पर आरोप लगाकर आप का समायोजन निरस्त कर दिया गया था(जैसे:-उमा देवी केस में भर्ती में सबको समान अवसर देना,आरक्षण ,टीईटी ) इन सभी पर संघ द्वारा सुप्रीम कोर्ट में साक्ष्य सहित संघ के सभी बरिष्ठ आधिवक्ताओं ने बहस किया और लिखित सबमिशन भी दाखिल किया गया,Ncte का पत्र,समायोजन का बिज्ञापन दिया गया,Ncteने लिखित काउन्टर दिया।एंव बचाव में तमाम साक्ष्य प्रस्तुत किया गया लेकिन यह सब साक्ष्य देने के बाद भी आर्डर में कही दिखाया नही गया है और शिक्षा मित्रों को हार मिला इस लिए संघ को पूरा भरोषा है कि पुनः सभी साक्ष्यों के साथ सुप्रीम कोर्ट में पूर्नविचार याचिका दाखिल किया गया है और शिक्षा मित्रों को न्याय दिलाने के लिए सांविधान पीठ तक लडाई को लडा जाएगा अौर अभी भी न्याय जिंदा है न्याय जरूर मिलेगा क्यों कि कोर्ट का फैसला साक्ष्य सबूत के आधार पर होता है और संघ की तरफ से सभी साक्ष्य दिया गया है।
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*जो बीच राह में बैठ गये बैठे ही रह जाते है।*
*जो लगातार चलते रहते निश्चित मंजिल पाते है।*
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*सभी जिला अध्यक्ष/ब्लाक अध्यक्ष अबिलंम्ब न्यायिक शुल्क संगठन के पास अवश्य जमा कर दे।बैठने से नही लडने से ही समायोजन बचेगा।*
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*गाजी इमाम आला*
*प्रदेश अध्यक्ष,उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ।*
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