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50 सहायक अध्यापिकाओं को छोड़कर तीन को दे दिया चयन वेतनमान, गड़बड़ी आई सामने

इलाहाबाद : इलाहाबाद नगर क्षेत्र में तैनात सहायक अध्यापिकाओं को चयन वेतनमान देने में गड़बड़ी सामने आई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने पदोन्नति छोड़ने वाली तीन शिक्षिकाओं को 10 वर्ष की सेवा के
बाद चयन वेतनमान दे दिया पर नगर क्षेत्र में करीब 50 ऐसी शिक्षिकाएं हैं, जिन्हें चयन वेतनमान का लाभ अब तक नहीं दिया गया। उनके प्रत्यावेदनों पर विभाग मौखिक रूप से यह कहकर विचार नहीं कर रहा है कि पदोन्नति छोड़ने वाली शिक्षिकाओं को कभी चयन वेतनमान नहीं दिया जा सकता। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने इस मुद्दे को बेसिक शिक्षा अधिकारी के सामने उठाया है और उनसे पूछा है कि जब पदोन्नति लेने से इन्कार करने वाली तीन शिक्षिकाओं को विभाग ने चयन वेतनमान का लाभ दिया है तो बाकी 50 शिक्षिकाओं को देने में आनाकानी क्यों? विभिन्न प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 50 सहायक अध्यापिकाओं की सहायक अध्यापक के पद पर प्रथम नियुक्ति दिसंबर 2005 व जनवरी 2006 की है। इनकी 10 वर्ष की संतोषजनक सेवा 2015 व 2016 में ही पूरी हो गई है। अध्यापिकाओं ने कई बार व्यक्तिगत व सामूहिक रूप से भी चयन वेतनमान के लिए बीएसए कार्यालय को प्रत्यावेदन दिया पर अभी तक स्वीकृत नहीं किया गया। 1यह समस्या लेकर ठकुराई गुट के एक प्रतिनिधिमंडल ने 12 सितंबर को बीएसए कार्यालय को एक प्रत्यावेदन दिया। प्रत्यावेदन में 20 दिसंबर 2001 के शासनादेश के अनुसार अध्यापिकाओं को चयन वेतनमान देने का अनुरोध किया गया था पर बीएसए कार्यालय ने अब तक न तो चयन वेतनमान स्वीकृत किया और न ही कोई जवाब दिया। कार्यालय में अधिकारी व कर्मचारी मौखिक रूप से कहते हैं कि अन शिक्षिकाओं को 2011 में पदोन्नति मिली थी, पर सभी ने पदोन्नति छोड़ दी। इसलिए अब इन्हें चयन वेतनमान नहीं दिया जा सकता। बीएसए कार्यालय चयन वेतनमान न देने का कोई शासनादेश नहीं दिखा पा रही है। इससे बड़ी बात यह है कि इसकी कार्यालय ने इन्हीं में से तीन शिक्षिकाओं को चयन वेतनमान स्वीकृत कर दिया है।

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