इलाहाबाद : राजकीय माध्यमिक कालेजों में 10768 एलटी ग्रेड शिक्षकों के
चयन से पहले ही हिंदी शिक्षक आदि पदों पर अर्हता का पेंच फंसा है। माध्यमिक
कालेजों के शिक्षकों की अर्हता तय करने वाले माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि
यूपी बोर्ड ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट की है।
बोर्ड सचिव नीना
श्रीवास्तव ने उप्र लोकसेवा आयोग सचिव को इस संबंध में पत्र भेजा है कि
उनके यहां हिंदी शिक्षक की दो अर्हताएं मान्य हैं।
एलटी ग्रेड भर्ती में सपा शासनकाल की ही अर्हताएं घोषित होने से खफा
अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को उप्र लोकसेवा आयोग कार्यालय पर प्रदर्शन किया
था। वह अभ्यर्थी शनिवार को पहले शिक्षा निदेशालय पहुंचे, वहां अवकाश होने
से माध्यमिक शिक्षा परिषद मुख्यालय पर सचिव को ज्ञापन सौंपा। सचिव ने
उन्हें आश्वस्त किया कि वह आयोग को अर्हता की स्थिति करा रही हैं। बोर्ड
सचिव ने आयोग सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम
1921 में हिंदी शिक्षक की अर्हता 2016 में संशोधित हुई थी। हिंदी शिक्षक की
अर्हता इंटर में संस्कृत व हिंदी में स्नातक तय हुई। इसका विरोध होने पर
बोर्ड ने नियमावली में संशोधन करके दो नियम बनाए। बीए हिंदी व इंटर संस्कृत
अथवा बीए हिंदी व संस्कृत विषय से उत्तीर्ण अब यह दोनों मान्य हैं। इससे
अभ्यर्थियों ने खुशी मनाई। यहां अनिल कुमार पाल, विक्की खान, अंबुज
त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
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