शिक्षकों ने कर दी ये बड़ी मांग, भाजपा सरकार ने किया इनकार

उन्नाव. वित्तविहीन शिक्षक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं। मूल्यांकन केंद्र के मुख्य गेट पर बोर्ड परीक्षा के बहिष्कार का बैनर लगा है। उनका कहना है कि सरकार से लगातार वह मांग करते चले आ रहे हैं।
लेकिन सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं कर रही है। जिस कारण बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के जांचने के समय को चुना गया है। जिससे सरकार तक वह अपनी बात पहुंचा सके। अपनी मांगों के संबंध में माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के पदाधिकारी ने कहा कि सेवा नियमावली उनकी प्रमुख मांगों में से एक है। मौके पर मौजूद वित्तविहीन शिक्षकों ने बताया कि उन्हें मानदेय के रूप में ₹999 मासिक निर्धारित किया गया है। जो किसी हास्यास्पद स्थिति से कम नहीं है। समाजवादी पार्टी के शासनकाल के दौरान एक वर्ष का मानदेय मिला था। लेकिन उसके बाद फिर भाजपा शासन में इसे रोक दिया गया। जबकि उन लोगों से कई सारे कार्य लिए जाते हैं। कॉपियों के मूल्यांकन में भी उनके साथ भेदभाव किया जाता है। कॉपियों के मूल्यांकन में उन्हें इंटर के लिए ₹10 और हाईस्कूल के लिए ₹8 दिए जाते हैं।

3 कॉलेज में हो रहा है मूल्यांकन का काम

गौरतलब है जनपद में राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय गर्ल्स इंटर कॉलेज और चमरौली स्थित इंटर कॉलेज में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं की कॉपियां जांच की जा रही है। वित्तविहीन शिक्षकों के बहिष्कार से समय से रिजल्ट आने में संदेह उत्पन्न हो रहा है। इस बातचीत के दौरान महासभा के प्रांतीय संगठन मंत्री शिवदान सिंह चौहान ने कहा कि उनकी मांग है कि समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए इसके साथ ही 'सात क - क' की जगह 'सात क' में परिवर्तित किया जाए। वित्तविहीन शिक्षकों की हड़ताल से बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य प्रभावित हो रहा है। जनपद में 75,87,321 उत्तर पुस्तिकाओं को 15 दिनों में मूल्यांकन कार्य किया जाना है। परंतु वित्तविहीन शिक्षकों की हड़ताल से मूल्यांकन कार्य प्रभावित हो रहा है। यही स्थिति पूरे प्रदेश की बताई जा रही है। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में हो रहे मूल्यांकन कार्य बहिष्कार में माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के मदन मोहन शुक्ल, अरविंद सिंह, राम प्रकाश साहू, जंग बहादुर सिंह, करुणेंद्र बाजपेई, रामनरेश सिंह, हरिशंकर पटेल, सत्येंद्र सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में टीचर मौजूद थे।
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