कानपुरः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बने एक वर्ष पूरा हो गया है. ‘एक साल में नई मिसाल‘ के दावे तो बड़े-बड़े किए गए लेकिन जमीनी हकीकत पर एक भी दावा नहीं ठहर सका है.
झूठ बोलने में यह आत्मविश्वास गजब का है. बीजेपी सरकार के पास शायद एक वर्ष में अपना काम गिनाने के नाम पर कुछ भी नहीं है. पूरे वर्ष सरकार समाजवादी सरकार के कामों की नुक्ताचीनी तो करती रही लेकिन वास्तव में उनकी योजनाओं को अपना बताती भी रही और उद्घाटन का उद्घाटन करती रही.
समाज का हर वर्ग अपने को ठगा महसूस कर रहा है. किसान, नौजवान, अल्पसंख्यक, महिला, व्यापारी, गरीब सभी में इस सरकार के कामकाज से गहरा असंतोष और आक्रोश है. ये बात गोरखपुर-फूलपुर के लोकसभा उपचुनावों के नतीजों से ही प्रमाणित होती है. अखिलेश ने कहा कि सपा सरकार ने 23 महीनों में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे बना दिया और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की नींव डाल दी. बीजेपी सरकार ने कोई निर्माण तो किया नहीं, इन्वेस्टर्स मीट में एक्सप्रेस-वे का प्रचार कर उद्यमियों को लुभाती रही. उद्यमी आए और कागजी समझौता करके चले गए.
उन्होंने कहा कि एक साल में बीजेपी सरकार ने एक यूनिट बिजली भी उत्पादित नहीं की. किसानों की कर्जमाफी करने का शोर मचाकर बीजेपी सत्ता में तो आ गई लेकिन किसानों को धोखा ही हासिल हुआ. 86 लाख किसानों की कर्जमाफी कुछ रूपयों में निबटा दी गई यह भी एक मिसाल है.
किसानों की आय दुगनी करने का कोई रोडमैप आज तक सामने नहीं आया. दर्जनों किसानों ने इस सरकार में आत्महत्या कर ली है. किसान बदहाल हैं, उसको फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाया. गन्ना किसानों का बकाया आज तक पूरा भुगतान नहीं हुआ और ना ही विलम्ब का ब्याज मिला. उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने नौकरियां छीन लेने का रास्ता अपनाया. शिक्षामित्र, बीटीसी प्रशिक्षु, पुलिस-पीएसी की जो नियुक्तियां होनी थी, वे भी रूक गई. बीजेपी बेरोजगारों की फौज बना रही है, जबकि समाजवादी सरकार ने 10 लाख नौकरियां दी थी.
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