इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजकीय इंटर कॉलेजों
में प्रशिक्षित स्नातक ग्रेड शिक्षकों की भर्ती 23 अगस्त 2017 के संशोधन के
तहत लोक सेवा आयोग से लिखित परीक्षा द्वारा कराने के खिलाफ दाखिल याचिकाएं
खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने कहा कि भर्ती नियमावली में परिवर्तन करना सरकार
का नीतिगत मामला है।
साथ ही क्वालिटी प्वाइंट अंकों की बजाय लिखित परीक्षा
से भर्ती कराने से बेहतर अभ्यर्थियों को अवसर मिलेगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने दिया है। हिमांशु शुक्ल व
अन्य की याचिकाओं के अनुसार बाद में हुए संशोधन को पूर्व की भर्तियों में
लागू किया जा रहा है, जो कानूनन गलत है क्योंकि संशोधित नियमावली को पहले
से भर्ती विज्ञापनों में लागू किया जा रहा है।
कोर्ट ने कहा कि इस संशोधन को एक विशेष अपील में मंजूरी मिल चुकी है।
ऐसे में इसे लागू करने में सरकार के लिए कोई बाधा नहीं है। याचियों के
अनुसार राज्य सरकार ने प्रशिक्षित स्नातक ग्रेड शिक्षक भर्ती बीच में ही
निरस्त करके लोक सेवा आयोग के जरिए लिखित परीक्षा से सहायक अध्यापकों की
भर्ती कराने का निर्णय लिया।
याचियों ने 2016 की भर्ती में आवेदन किया था, जिसे रद्द कर दिया गया।
साथ ही इससे पूर्व कई नियुक्तियां संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा क्वालिटी
प्वाइंट अंकों के आधार पर की जा रही हैं। याचियों ने पुराने नियम के तहत ही
भर्ती के लिए आवेदन किया था।
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