शिक्षक भर्ती में आरक्षण के समर्थन को लेकर केंद्र ने कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका

लखनऊ : यूजीसी के टीचरों की भर्ती के नए रोस्टर के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन तेज होता जा रहा है. नए प्रावधान के तहत शिक्षकों की भर्ती के लिए अब पूरे विद्यालय को एक इकाई ना मानकर विभाग को ही इकाई माना जाएगा. बताया जा रहा है कि इस नई प्रणाली से एससी-एसटी कोटे के शिक्षक पूरी तरह बाहर हो जाएंगे.
उत्तर प्रदेश में यूजीसी के इस फैसले के खिलाफ लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. विभिन्न दलित संगठनों ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा हैं.

केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए शिक्षकों के खाली पदों के विभाग वार रोस्टर को तैयार करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, ‘हमने इस सिलसिले में यूजीसी और मंत्रालय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है. मुझे उम्मीद है कि इस पर जल्द सुनवाई होगी ताकि न्याय हो. ’’

उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि एससी-एसटी शिक्षकों का रोस्टर पुरानी प्रणाली के अनुरूप पूरे संस्थान को एक इकाई के तौर पर विचार करते हुए तैयार किया जाए, विभाग के तौर पर नहीं.’

क्या है रोस्टर प्रकरण
बीते 5 मार्च को यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों को आदेश दिया था कि प्रफेसर, असोसिएट प्रफेसर और असिस्टेंट प्रफेसर के पदों को भरने के लिए विश्वविद्यालय को इकाई न मानकर, विभाग को इकाई मानते हुए रोस्टर प्रक्रिया लगाई जाए. इसका विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि इस नई व्यवस्था से एससी-एसटी और ओबीसी को मिलने वाला प्रतिनिधित्व समाप्त हो जाएगा. अभी तक भर्ती प्रक्रिया में विश्वविद्यालय को ही इकाई माना जाता था और विभागों के खाली पदों को एकसाथ जोड़कर उनमें आरक्षण प्रक्रिया अपनाई जाती थी.
विरोध करने वाले लोगों ने बताया कि अगर विभाग को भी इकाई माना जाएगा तो, एक-दो पदों पर आरक्षण व्यवस्था लागू नहीं होगी, क्योंकि आरक्षण का लाभ लेने के लिए एससी के लिए 7, एसटी के लिए 14 और ओबीसी के लिए कम से कम चार सीटें होनी चाहिए.
sponsored links:
Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Breaking News This week