बेसिक स्कूलों में बढ़े दाखिले, सुधरा शिक्षा स्तर: निजी स्कूलों से नाम कटवा सरकारी स्कूलों में बच्चों को दिला रहे प्रवेश

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शहर के 45 सरकारी प्राइमरी स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम करने के बाद से इन स्कूलों की सूरत बदलने लगी है। पहले जहां अभिभावक बच्चों का एडमिशन यहां करवाने से कतराते थे वह अब निजी स्कूलों से नाम कटवाकर इन स्कूलों में दाखिला दिलवा रहे हैं।
अब हर ब्लॉक के लगभग पांच से छह स्कूल अंग्रेजी मीडियम के हो गए हैं। इससे स्कूल में एडमिशन बढ़ने के साथ-साथ शिक्षा के स्तर में भी काफी बदलाव आया है।

इंग्लिश में पूछते हैं 'मे आई गो टु ड्रिंक वॉटर' : बीकेटी स्थित प्राइमरी स्कूल सरायदामऊ में अब बच्चे इंग्लिश में पूछते हैं 'मे आई गो टू ड्रिंक वॉटर'। साथ ही सिट डाउन, कम इन और स्टैंडअप जैसे वाक्य बच्चे समझने लगे हैं। यहां की प्रिंसिपल यशोदा शर्मा ने बताया कि यहां पर एक ही दिन में 10 अभिभावकों ने दाखिला कराया था। बच्चों को चार्ट्स और फ्लैश कार्ड्स के माध्यम से पढ़ाया जाता है। कक्षा 3 की छात्रा यशस्वी ने बताया कि हमने कई
इंग्लिश राईम्स ऐक्शन्स के साथ सीख ली हैं। वहीं, कक्षा 5 के छात्र अभिजीत का कहना है कि हम अब पहले से ज्यादा अच्छे से इंग्लिश बोल लेते हैं।

अब इंग्लिश में होती है प्रेयर : गोसाईंगंज के प्राइमरी स्कूल मिलौली में अब हिन्दी की जगह अंग्रेजी में सुबह की प्रेयर होती है। वहीं, बच्चों को इंग्लिश सांग भी सिखाए जा रहे हैं। अंग्रेजी बोलने में उनकी हिचकिचाहट दूर की जा रही है। शिक्षक मंसूर अहमद ने बताया कि इस बार 33 नए दाखिले हुए हैं। यहां बच्चों का बर्थडे भी मनाया जाता है, साथ ही उन्हें आईकार्ड भी दिया गया है।

एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग : काकोरी के प्राइमरी स्कूल सिरगामऊ में एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग करवाई जाती है। साथ ही बेकार चीजों से इनोवेटिव चीजें बनाने जैसी एक्टिविटी भी करवाई जाती है। प्रिंसिपल विजय सक्सेना ने बताया कि यहां अब तक 42 नए एडमिशन हुए हैं। आगे योजना है कि बच्चों को प्रॉजेक्टर से पढ़ाया जाए, इसके लिए वित्तीय सहायता प्रपोजल तैयार की जाएगी।

अब होने लगी पैरेंट टीचर मीटिंग : निजी स्कूलों की तर्ज पर अब इन सरकारी स्कूलों में भी पैरंट्स टीचर मीटिंग (पीटीएम) होने लगी है। प्राइमरी स्कूल सरायदामऊ में पांच मई को पीटीएम हुई थी जिसमें ज्यातर पैरेंट्स शामिल हुए। वहीं, प्राइमरी स्कूल मलौली में भी पीटीएम हुई। अभिभावकों का कहना था कि अब उन्हें अपने बच्चों को दूर के महंगे निजी स्कूलों में नहीं भेजना पड़ेगा। सरकारी स्कूल में ही उनके बच्चे अंग्रेज़ी सीख सकेंगे।
हर दिन सीख रहे

हैं कुछ नया

चिनहट के प्राइमरी स्कूल रैथा में कक्षा 4 की छात्रा राखी ने बताया कि स्कूल में हर रोज कुछ नया सीखने को मिलता है, इसलिए अब स्कूल में ज्यादा मन लगता है। वहीं, प्रिंसिपल बिनीता द्विवेदी ने बताया कि इंग्लिश मीडियम होने से इस साल 40 नए दाखिले हुए हैं। वहीं, बच्चों की अटेंडेंस भी बढ़ गई है। शिक्षिका फूल कुमारी शर्मा ने बताया कि हालांकि शुरुआत में पढ़ाने में दिक्कत हुई। ऐसे में हर वाक्य को हिन्दी में ट्रांसलेट कर पढ़ाना शुरू किया। अब बच्चों की वोकैबलरी और उच्चारण में काफी सुधार आया है।
इंग्लिश मीडियम स्कूलों का रेस्पॉन्स अच्छा आ रहा है। ऐडमिशन भी इस बार खूब हुए हैं। हम और भी बदलाव कर रहे हैं ताकि सरकारी

स्कूलों के प्रति लोगों का रुझान बढ़े।

प्रवीण मणि त्रिपाठी,

बेसिक शिक्षा अधिकारी

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