इलाहाबाद : आयोग के नियम को ताख पर रखकर परीक्षा केंद्र आवंटन में
सुविधा शुल्क लेने की परंपरा भी रही है। लेकिन, पूर्व अध्यक्ष डा. अनिल
यादव के खौफ तथा शासन में उनके प्रभाव के चलते कोई कुछ बोल नहीं पाता था।
अब भर्तियों की जांच में सीबीआइ के कड़े तेवर और खुद को फंसने से बचाने के
लिए आयोग के कई कर्मचारियों से ही राज पता चल रहे हैं। सीबीआइ को यह भी पता
चला है कि कुछ परीक्षा केंद्रों के प्रबंधकों का आयोग में नियमित आना जाना
है।
यह भी हैं नियम जिनका हुआ उल्लंघन : यदि आयोग में किसी कर्मचारी या अधिकारी
के परिजन या रिश्तेदार, प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो रहा हो तो संबंधित
कर्मचारी या अधिकारी स्वयं को उस परीक्षा कार्य से अलग कर ले, लेकिन इसे
छिपाया गया।
परीक्षा में निगरानी के लिए नियुक्त किया जाने वाला कक्ष अंतरीक्षक कम से
कम उस कालेज का प्रवक्ता या सेवानिवृत्त प्रवक्ता हो लेकिन, इसका उल्लंघन
किया गया।
केंद्र आवंटन वाले कालेज को चेक से भुगतान की व्यवस्था है लेकिन, सीबीआइ को
जानकारी मिली है कि कुछ कालेजों को नगद भुगतान किया गया, कुछ को भुगतान
किया ही नहीं।
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