जागरण संवाददाता, मऊ : प्रदेश कार्यकारिणी के आह्वान पर सोमवार को
शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तहत लामबंद शिक्षामित्रों ने सोमवार
को कलेक्ट्रेट पर एक दिवसीय धरना दिया। शिक्षामित्रों ने अपनी पांच सूत्रीय
मांगों के समर्थन में खूब हुंकार भरी और मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र
का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर मांगों पर विचार करने की बात कही।
जिलाध्यक्ष रामकवल यादव ने कहा कि 31 सांसदों ने शिक्षामित्रों की
मांगों पर समुचित विचार करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा
है। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्र पिछले 17 वर्षों से कार्य कर रहे
हैं और महंगाई के दौर में उपेक्षित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। प्रवीण राय एवं
जिला महामंत्री विद्यासागर ने कहा कि मांगों पर विचार नहीं किया गया तो
शिक्षामित्र लखनऊ में धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। इनकी पांच मांगों
में संशोधित अध्यादेश लाकर उनका पुन: समायोजन करने, समान कार्य समान वेतन
के साथ ही 62 वर्ष की सेवा नियमावली बनाने, टीईटी से छूट प्रदान करने,
हृदयाघात से मरे शिक्षामित्रों के परिजनों को नौकरी देने तथा शिक्षामित्रों
से फर्जी मुकदमें वापस लेने की मांग की गई है। इस अवसर पर जयंत राय,
राजकुमार यादव, बलिराम ¨सह, राजेश शुक्ला, हरिगो¨वद, सुखिया देवी, सरिता
¨सह, सुनीता, ममता चौहान आदि उपस्थित रहे।
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