उन्नाव में पड़ोस के विद्यालय पाने के लिए शिक्षकों में मारामारी, पहले चरण की काउंसलिंग में भरे गए नगर से सटे स्कूल, दूसरे चरण की काउंसलिंग 6 जुलाई को

उन्नाव : दूसरे जिले के शिक्षकों की तैनाती के बाद उन्हें स्कूल आवंटन करने का कार्य बुधवार से शुरू हो गया। पहले दिन की काउंसिलिंग में 200 क्रमांक तक के शिक्षकों को स्कूल आवंटित हुए। शिक्षकों में सबसे ज्यादा नगर क्षेत्र की सीमा से जुड़े स्कूलों को लेकर मारामारी थी। एकल और बंद स्कूलों को काउंसिलिंग की मदद से खोलने का कार्य बीएसए से किया।


जिले में 347 एकल और 63 बंद स्कूल हैं। ऑनलाइन तबादले के बाद दूसरे जिले से उन्नाव आए शिक्षकों को 28 जून तक तैनाती देते हुए काउंसिलिंग के लिए क्रमांक नंबर दिए गए थे। बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे एक से 200 तक क्रमांक वाले शिक्षकों को बुलाया गया था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में काउंसिलिंग बीएसए बीके शर्मा ने शुरू कराई। सफीपुर, नवाबगंज, बिछिया, सिकंदपुर कर्ण और सरोसी विकास खंड के स्कूल प्रथम चरण में शामिल थे। छह दिव्यांग के साथ 194 शिक्षिकाओं की काउंसिलिंग हुई और उन्हें रिक्त स्कूलों पर तैनाती दी गई। स्कूल आवंटन में कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए क्रम से शिक्षकों को बुलाते हुए उन्हें स्कूल आवंटित किए गए। सबसे ज्यादा भीड़ नगर क्षेत्र के स्कूल को लेकर थी। पसंद के स्कूलों को लॉक किए जाने के लिए सिफारिशें भी कम नहीं थी। लेकिन, शासन और प्रशासन के सख्त आदेश को ध्यान में रखकर कार्य हुआ।
सक्रिय रहे बीईओ, सीसीटीवी से रही नजर: स्कूल दिलाने के नाम पर शिक्षकों से रुपये ऐंठने की घटना न हो, इसे लेकर पूर्व में ही बीईओ और पटल बाबूओं को सक्रिय कर दिया गया था। नगर मुख्यालय बीईओ अजीत निगम सहित सुषमा सेंगर, आशीष चौहान, दाताराम व सुरेंद्र मौर्या मौजूद रहे। कैमरे से बाहरियों पर नजर रखी गई। महिलाओं की संख्या ज्यादा होने की वजह से प्रवेश गेट पर महिला पुलिस कर्मियों ने मोर्चा संभाला।
दूसरे चरण की काउंसिलिंग छह जुलाई को: अनुक्रमांक 201 से 410 तक के शिक्षकों को स्कूल आवंटन छह जुलाई को किया जाएगा। सोमवार को तैनाती लेने वाले शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी होंगे। इसके लिए उन्हें निर्देशित कर दिया गया है। दूसरे चरण की काउंसिलिंग में बचे विकास खंड के स्कूल शामिल किए जाएंगे।
विकास खंडवार बंद स्कूल में रिक्त सीटों पर काउंसिलिंग के लिए बीएसए कार्यालय में मौजूद शिक्षिकाएं ’ जागरणजिला बेसिक शिक्षा मुख्यालय पर काउंसिलिंग के लिए अपनी बारी का इंतजार करतीं शिक्षिकाएं।