स्कूली बच्चों को ढो रहे बिना फिटनेस वाले वाहन, विभागीय अधिकारी और स्कूल संचालक नहीं दे रहे ध्यान

मथुरा: साल-दर-साल बढ़ती घटनाओं के बाद भी स्कूली वाहनों के हालात नहीं सुधर रहे। दिखावे के तौर पर इन्हें टिप टॉप करा दिया गया है, लेकिन अंदर से ये जर्जर हाल हैं। सुरक्षा के मानकों को तो खूंटी पर टांग दिया है।
अधिकांश बसों और अन्य छोटे वाहनों में खिड़कियों पर जालियां नहीं हैं, मगर जिम्मेदार अधिकारी इस ओर बेपरवाह बने हुए हैं। जिले में शिक्षा के क्षेत्र में जो विद्यालय अपना जलवा रखते हैं, उनके वाहनों में भी सुरक्षा के मानक पूरे नहीं हो रहे हैं। रतनलाल फूल कटोरी सरस्वती बालिका विद्यालय की बसों की फिटनेस तो शानदार दिखती है, लेकिन सुरक्षा मानकों में पिछड़ी है। गोवर्धन चौराहे पर इस विद्यालय की एक बस के अंदर देखा तो उसमें फस्र्ट एड का बॉक्स तक नहीं था। भूतेश्वर पर भी श्रीजी बाबा सरस्वती विद्या मंदिर बालिका विभाग की मिनी बस रंग रोगन से चमक रही थी, लेकिन खिड़की पर जाली तक नहीं थीं। इन बसों के चालकों के खिलाफ एआरटीओ प्रवर्तन मनोज मिश्र द्वारा कार्रवाई भी की गई। वहीं कई स्कूली बसें और अन्य वाहन बिना फिटनेस के बच्चों को लाने और पहुंचाने का काम कर रहे हैं, जिससे नौनिहालों की जिंदगी खतरे में है। 1100 से अधिक स्कूली वाहनों की फिटनेस नहीं : सहायक संभागीय कार्यालय मथुरा में 800 स्कूली बस पंजीकृत हैं। इनमें से तकरीबन 100 बसों की फिटनेस अब तक नहीं हुई है। करीब 350 छोटे वाहन भी स्कूली वाहनों के रूप में पंजीकृत हैं, लेकिन इनसे अधिक छोटे और बड़े वाहन बिना पंजीकरण कराए ही बच्चों को लाने और पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। 118 स्कूली वाहनों पर हुई कार्रवाई: एआरटीओ प्रवर्तन द्वारा छटीकरा चौराहा, गोवर्धन चौराहा, भूतेश्वर आदि क्षेत्र में चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान 18 स्कूली बसों पर कार्रवाई की गई। इस दौरान 11 बसें सीज हुईं। तीन के खिलाफ ओवरलो¨डग और दो चालकों पर ड्राइ¨वग लाइसेंस न होने पर कार्रवाई की गई। इसके अलावा दो अन्य बसों पर कार्रवाई की गई। स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इन बसों के मानक पूरे नहीं हैं, उन पर कार्रवाई की जा रही है।