जौनपुर के परिषदीय विद्यालयों के प्रति नहीं बढ़ रहा अभिभावकों का रुझान, किताबों के अभाव में शिक्षण कार्य पर असर, साफ-सफाई को नहीं आते सफाईकर्मी

एसडीएम ने किया निरीक्षण : बदलापुर के एसडीएम रमापति राम ¨बद ने मंगलवार को बक्शा के चार विद्यालयों का निरीक्षण किया। उनके पहुंचते ही अफरा-तफरी मच गयी। हालांकि निरीक्षण में शिक्षक उपस्थित पाए गए। बच्चों की संख्या कम होने पर बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने मरगूपुर, कंधी, बेदौली और मयंदीपुर का निरीक्षण किया। जहां बच्चों की कम उपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त की। 


शिक्षामित्रों के भरोसे विद्यालय : नगर क्षेत्र के अधिकतर विद्यालय एकल तो कई विद्यालय शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहे हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद सरकार जहां प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में सुधार को करोड़ों रुपये खर्च कर रही है वहीं नगर क्षेत्र के विद्यालयों में लंबे समय से शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया बंद है। वहीं तमाम विद्यालयों के पास भवन भी नहीं है। मंगलवार को जागरण टीम जब प्राथमिक विद्यालय अहियापुर पहुंची तो यहां जर्जर भवन में एक शिक्षामित्र प्रभारी के रूप में तैनात मिलीं। यहां पंजीकृत 35 छात्रों में मात्र छह आए थे। पूछने पर बताया कि दूसरे विद्यालय से मध्याह्न भोजन बनकर आता है। प्राथमिक विद्यालय हैदरपुर में एक शिक्षक व एक शिक्षामित्र मिलीं लेकिन 20 छात्र ही पढ़ने आए थे
जागरण संवाददाता, जौनपुर: गर्मी का अवकाश समाप्त होने के बाद दूसरे दिन भी अधिकतर विद्यालयों में जहां सन्नाटा पसरा रहा, वहीं विद्यालयों में चूल्हे नहीं जले। सरकार के तमाम प्रयास के बाद भी अभिभावकों का रुझान परिषदीय विद्यालयों के प्रति नहीं बढ़ रहा है। वहीं किताबों के अभाव में अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में शिक्षण कार्य पूरी तरह से प्रभावित है। ‘ज्यों-ज्यों दवा की मर्ज बढ़ता गया’ कुछ इसी तर्ज पर चल रही जनपद की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था। प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा तमाम प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन इसका असर नहीं दिख रहा है। दैनिक जागरण टीम द्वारा मंगलवार को दूसरे दिन भी सच जानने का प्रयास किया गया। अधिकतर स्कूलों में जहां छात्रों की संख्या नगण्य रही वहीं मध्याह्न भोजन के संचालन में भी भारी खामी दिखी।1मड़ियाहूं क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों से बच्चे नदारद रहे। कुछ बच्चों के उपस्थित रहने के बावजूद नई पाठ्य पुस्तकों के अभाव में पठन-पाठन शुरू नहीं किया जा सका। अधिकतर स्कूलों में बच्चे पढ़ने की बजाय खेलते दिखे। थानागद्दी क्षेत्र के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में बिजली और शौचालयों की र्दुव्‍यवस्था दिखी। जिससे उमस भरी गर्मी में बच्चों का पढ़ाई करना मुश्किलभरा रहा। शौचालय के नाम पर कमरे तो बने हुए थे लेकिन दरवाजा और पानी की समस्या विकट दिखी। क्षेत्र के मखदुमपुर जूनियर विद्यालय में शौचालय तो बना हुआ है लेकिन उसमें न तो दरवाजा है न तो पानी की कोई व्यवस्था नजर आई। बच्चे शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर हैं। मखदूमपुर विद्यालय में 20 छात्रों का पंजीकरण है और दो बच्चे दिखाई दिए।1केराकत क्षेत्र के जूनियर हाईस्कूल पनिहर छावनी में 8.26 बजे निरीक्षण के दौरान एक अध्यापिका अनुपस्थित मिलीं। विकास खंड केराकत के प्राथमिक विद्यालय बड़नपुर में पंजीकृत 119 छात्रों में मात्र 19 उपस्थित रहे। पूर्व माध्यमिक विद्यालय अमिहित में 80 छात्रों में 36 ही मिले। विकास खंड मुफ्तीगंज के अभिनव प्राथमिक विद्यालय इंग्लिश मीडियम देवकली द्वितीय व जूनियर हाईस्कूल के प्रांगण में बड़ी-बड़ी उगी घास- फूस व झाड़ झंखाड़ दिखाई दिया। प्रधानाध्यापक धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सफाईकर्मी तैनात तो हैं किन्तु विगत काफी दिनों से नहीं आ रहे हैं। यहां 175 बच्चों में 59 बच्चे उपस्थित रहे। प्राथमिक विद्यालय बद्दोपुरा देवकली प्रथम के प्रधानाध्यापक प्यारे लाल ने भी सफाई कर्मी के न आने की शिकायत किया।1बक्शा विकास खंड के कई प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालयों में भी शिक्षक तो मौजूद रहे परंतु बच्चों की संख्या नदारत रही। प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालय चूड़ामणिपुर में प्रधानाध्यापक श्यामलाल मौर्य ने बताया कि विद्यालय में 35 बच्चे आये हुए हैं।
मछलीशहर नगर से सटे सराय यूसुफ प्राथमिक विद्यालय पर 87 छात्रों की संख्या है। दूसरे दिन दस से अधिक छात्र किसी विद्यालय में नहीं पहुंचे। प्रधानाध्यापक श्याम लाल सरोज ने बताया की विद्यालय के प्रथम दिन गांव में भ्रमण कर अभिभावकों से छात्रों को विद्यालय भेजने का अनुरोध किया गया किन्तु आज भी मौसम खराब होने की वजह से छात्रों की संख्या नगण्य रही। इससे मिड-डे-मिल भी नही बन सका। परिषदीय विद्यालयों में सारे प्रयास के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। प्राथमिक विद्यालय दीपकपुर में दो शिक्षक दो शिक्षामित्र में से एक शिक्षिका अनुपस्थित रहीं। प्रधानाध्यापक के अनुसार वह बीमार हैं। यहां पंजीकृत 185 छात्र- छात्रओं में 6 उपस्थित रहे। प्राथमिक विद्यालय सवेली में 62 छात्रों मे मात्र 12 मिले। पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवापुर में 67 छात्रों में मात्र सात और पूमावि सबेली में 48 छात्रों मे केवल आठ छात्र रहे। रामनगर विकास खंड के अधिकतर विद्यालयों में छात्र नहीं आए। पूर्व माध्यमिक विद्यालय टेकारडीह में तीन अध्यापक मौजूद रहे लेकिन एक भी छात्र नहीं आए। सहायक अध्यापक सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि बच्चे प्राइमरी में भोजन करने गए हैं आज तीन बच्चे आये थे। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभिभावकों की परिषदीय विद्यालयों को लेकर क्या धारणा है । पूर्व माध्यमिक विद्यालय टेकारडीह में छात्रों के इंतजार में बैठे शिक्षकअहियापुर प्राथमिक विद्यालय में बिना ड्रेस के पहुंचे छात्रों को पढ़ाती शिक्षामित्रदेवकली प्रा. विद्यालय का निरीक्षण करते तहसीलदार
सरकार के तमाम प्रयास के बाद भी अभिभावकों का घटा रुझान : विद्यालयों में नामांकन और छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति हेतु खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। मध्याह्न भोजन बनाने के लिए भी ग्राम प्रधानों से संपर्क किया जा रहा है। दो-तीन दिन में व्यवस्था पटरी पर आने की उम्मीद है। -डा.राजेंद्र प्रसाद, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी