इलाहाबाद : फतेहपुर आवासीय विद्यालय से भागकर आए दो बच्चों को
शिक्षिका ने इलाहाबाद जंक्शन पर पकड़ा। उनके बैग की तलाशी लेने पर उसमें
कपड़े और किताबें मिलीं।
शिक्षिका ने दोनों बच्चों को चाइल्ड लाइन को सौंप
दिया। मजिस्टेट के सामने पेश करने के बाद उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया
गया।1महेवा के राजकीय हाईस्कूल में पढ़ाने वाली न्यू बैरहना निवासी
दीपमाला सोनकर मंगलवार को विद्यालय से बस पकड़कर जब इलाहाबाद जंक्शन के
बाहर स्टैंड पर उतरीं तो स्टेशन के गेट नंबर एक पर भीड़ लगी थी। उन्हें ले
जाने के लिए उनके पति भी वहीं इंतजार कर रहे थे। उन्होंने देखा कि ई-रिक्शा
पर दो बच्चे बैठे हैं। लोग उन्हें चंदा दे रहे थे। शिक्षिका ने बच्चों से
पूछताछ की तो दस साल के दोनों बच्चों ने अपना नाम बताया। बैग तलाशने पर
उसमें कपड़े और किताबें मिलीं। शंका होने पर उन्होंने बच्चों को इलाहाबाद
जंक्शन पर लाकर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया। वहां बच्चों ने बताया कि कि वे
फतेहपुर में आवासीय विद्यालय में पढ़ते हैं। विद्यालय वाले घर वालों से
मिलने नहीं देते थे, डांटते थे, इसलिए वहां से भाग आए। दोनों कौशांबी जिले
के रहने वाले हैं। चाइल्ड लाइन के रघुनाथ राय और वीरेंद्र नागर ने जीआरपी
को बच्चों के बारे में जानकारी दी। बच्चों से मोबाइल नंबर लेकर उनके
परिजनों का सूचित किया गया। इलाहाबाद जंक्शन के जीआरपी दारोगा मनोज राय ने
बताया कि दोनों बच्चों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। उसके बाद
परिवारीजनों के आने पर बच्चों को चाइल्ड लाइन वालों ने उन्हें सौंप दिया।