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शिक्षक भर्ती मामले में एमएचआरडी ने किया जवाब तलब

इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में शिक्षाशास्त्र विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में अनियमितता एवं धांधली की शिकायत मिलने के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने इविवि प्रशासन ने जवाब तलब कर लिया है। सुहासिनी बाजपेयी की ओर से की गई शिकायत के आधार पर एमएचआरडी की ओर से विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को पत्र जारी कर मामले में तत्काल जवाब देने को कहा गया है।

एमएचआरडी की ओर से मंगलवार को पत्र जारी होने के बाद इविवि प्रशासन ने सुहासिनी को ईमेल के जरिये उनके एपीआई स्कोर से संबंधित विवरण भेज दिया। हालांकि सुहासिनी का दावा है कि इविवि प्रशासन ने जिस गाइड लाइन के आधार पर उनके एपीआई स्कोर का विवरण निर्धारित किया है, वह यूजीसी की गाइडलाइन से बिल्कुल भिन्न है। उनका आरोप है कि इविवि प्रशासन ने मनमाने तरीके से गाइडलाइन तैयार की है। उन्हें शोध के क्षेत्र में 6.3 अंक दिए गए हैं। सुहासिनी का दावा है कि अगर यूजीसी की गाइड लाइन के हिसाब से एपीआई का निर्धारण किया गया होता तो शोध के क्षेत्र में ही उन्हें इससे कहीं अधिक अंक मिल जाते।

इसके अलावा जो गाइडलाइन ऑनलाइन आवेदन के दौरान दशाई गई थी, इविवि प्रशासन ने उसे भी बदल दिया और अब किसी दूसरी गाइडलाइन के हिसाब से एपीआई निर्धारण की बात कही जा रही है। सुहासिनी की मांग है कि इविवि प्रशासन अन्य अभ्यर्थियों के एपीआई स्कोर का विवरण भी सार्वजनिक कर ताकि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता हो। फिलहाल सुहासिनी की शिकायत पर एमएचआरडी ने इविवि के रजिस्ट्रार को मंगलवार को पत्र जारी कर जवाब मांग लिया और कहा कि मामले की पूरी रिपोर्ट मंत्रालय को तत्काल भेज दी जाएगी।


इविवि प्रशासन ने तत्काल भेजा जवाब
- केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पत्र मिलने के 24 घंटे के भीतर इविवि प्रशासन ने जवाब भेज दिया है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. एचएस उपाध्याय की ओर से मामले में मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सुहासिनी के आरोप बेबुनियाद हैं। अकेले उनके लिए गाइडलाइन नहीं बनाई गई थी। सभी अभ्यर्थियों का एपीआई स्कोर उसी गाइडलाइन के आधार पर निर्धारित किया गया है। सुहासिनी का स्कोर एपीआई स्कोर के कटऑफ से कम था, इसलिए उन्हें इंटरव्यू में शामिल होने के लिए योग्य नहीं पाया गया। प्रो. उपाउध्याय ने बताया जवाब मंत्रालय को भेज दिया गया है। शिक्षक भर्ती में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।

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