लखनऊ : राज्य सरकार के अधीन लोक सेवाओं और सरकारी पदों पर दिव्यांगों को
अब चार प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। अभी इन्हें सरकारी नौकरियों में तीन
प्रतिशत आरक्षण मिलता है।
1मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में
मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसके लिए उप्र लोक सेवा आयोग (शारीरिक रूप
से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और भूतपूर्व सैनिकों
के लिए आरक्षण) (संशोधन) अध्यादेश, 2018 के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई।
केंद्र सरकार ने नि:शक्तजन (समान अवसर, अधिकार संरक्षण एवं पूर्ण भागीदारी)
अधिनियम, 1995 को रद करते हुए नि:शक्तजन अधिकार अधिनियम, 2016 लागू किया
था। इस अधिनियम में राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्ति के लिए दिव्यांगों
को चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इसमें दिव्यांगों को पांच श्रेणियों
में बांटा गया है। वर्ष 2016 के अधिनियम में दिव्यांगों के आरक्षण के लिए
की गई व्यवस्था के क्रम में सरकार ने यह फैसला किया है। कैबिनेट ने
राज्याधीन लोक सेवाओं और अन्य पदों पर दिव्यांगों की नियुक्ति के लिए
प्रत्येक समूह से प्रवर्ग में कुल रिक्तियों का कम से कम चार प्रतिशत पद
आरक्षित करने का निर्णय किया है। इसमें एक प्रतिशत पद अंध और निम्न दृष्टि
से ग्रस्त लोगों के लिए आरक्षित होंगे। बधिर और श्रवण शक्ति में ह्रास से
ग्रस्त व्यक्तियों के लिए एक प्रतिशत पद आरक्षित होंगे। चलन निश्शक्तता
जिसके तहत प्रमस्तिष्क घात, रोगमुक्त कुष्ठ, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ित और
पेशीय दुष्पोषण से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए भी एक फीसद पद आरक्षित होंगे।
वहीं स्वपरायणता, बौद्धिक निश्शक्तता, विशिष्ट अधिगम निश्शक्तता, मानसिक
अस्वस्थता और इन चार खंडों के अधीन व्यक्तियों में से बहुनिश्शक्तता जिसके
तहत प्रत्येक निश्शक्तता के लिए पहचान किये गए पदों में बधिर अंधता भी
शामिल है, के लिए भी एक प्रतिशत पद आरक्षित होंगे।
