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शिक्षामित्रों के हवाले हुए परिषदीय विद्यालय उड़ रहा शिक्षा का माखौल

बैरिया/बलिया (ब्यूरो)- शासनादेश के विपरीत परिषदीय विद्यालयों को शिक्षामित्रों के हवाले किए जाने से पठन-पाठन के अलावा सर्व शिक्षा अभियान के तहत छात्र-छात्राओं को मिलने वाले लाभ से उन्हें वंचित होना पड़ रहा है।

जी हां, हम बात कर रहे हैं शिक्षा क्षेत्र बैरिया, मुरली छपरा व बेलहरी की, जहां के कई विद्यालय शिक्षामित्रों के हवाले है। जहां के प्रभारी के रूप में उक्त विद्यालयों से 8-10 किमी दूर के अध्यापक को कागजी कोरम पूरा करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी ने नियुक्त कर रखा है।

उदाहरण के लिए शिक्षा क्षेत्र बैरिया का प्राथमिक विद्यालय सुधर छपरा, जहां शिक्षामित्र आराधना पांडेय, संजय सिंह, पूनम गुप्ता तैनात हैं। यहां कोई भी अध्यापक तैनात नहीं है। प्राथमिक विद्यालय श्रीनगर में अकेले शिवलाल शिक्षामित्र के रूप में तैनात हैं। वहीं प्राथमिक विद्यालय उदई छपरा पर कवल कृष्ण शिक्षामित्र तैनात है। वहीं प्राथमिक विद्यालय सोनवानी पर अकेले चंद्रशेखर सिंह शिक्षामित्र के रूप में तैनात है।

इस तरह के विद्यालयों की सूची लंबी है। जहां शिक्षामित्र पढ़ाते हैं किंतु उनके मालिक के रूप से काफी दूर दराज के रूप में शिक्षक जो खंड शिक्षा अधिकारी के चहेते होते हैं। उनका काम सर्व शिक्षा अभियान के योजनाओं को क्रियान्वित कराना है, जो उनके लिए मलाईदार होता है। उन्हें मतलब नहीं होता बच्चों की पढ़ाई से, हो भी तो कैसे खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा एक से अधिक विद्यालयों का प्रभार शिक्षकों को सौंपा गया है। स्थानीय लोगों ने इस तरफ जिलाधिकारी का ध्यान अपेक्षित करते हुए आग्रह किया है कि राजाज्ञा के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय, जिससे सर्व शिक्षा अभियान का पूरा लाभ छात्र-छात्राओं को मिल सके।

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