एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में कक्ष निरीक्षक भी नहीं रख सकेंगे मोबाइल फोन

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : यूपी पीएससी की ओर से 29 जुलाई को प्रस्तावित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा बेहद संवेदनशील है। इसमें लिखित परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर ही अंतिम रूप से चयन होना है। परीक्षा केंद्र ‘हाईजैक’ होने के आसार हैं।
ऐसे में यूपी पीएससी ने कक्ष निरीक्षकों के मोबाइल फोन साथ रखने पर भी पाबंदी लगाई है।
परीक्षा केंद्रों के बाहर पुलिस व स्टैटिक मजिस्ट्रेट आदि की तैनाती जिलों के प्रशासन को करनी है। यूपी पीएससी इस संबंध में निर्देश दे चुका है। नकल कराने वाले गिरोह के सक्रिय होने को देखते हुए शासन से एसटीएफ की तैनाती के लिए मांग भी की जा चुकी है। परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थियों की गतिविधियों पर निगाह रखने वाले कक्ष निरीक्षकों पर भी अब सख्त पहरा रहेगा, क्योंकि कक्ष निरीक्षक भी नकल माफिया से साठगांठ कर परीक्षा में ‘खेल’ कर सकते हैं। इसीलिए मोबाइल फोन नहीं ले सकेंगे।

4.5 लाख प्रवेशपत्र डाउनलोड
एलटी ग्रेड परीक्षा में शामिल होने को अभ्यर्थियों में होड़ मची है। परीक्षा में सात लाख 63 हजार अभ्यर्थी पंजीकृत हैं और उनके प्रवेशपत्र वेबसाइट पर दो दिन पहले ही अपलोड हुए हैं। मंगलवार शाम तक साढ़े चार लाख अभ्यर्थी अपना प्रवेशपत्र डाउन लोड कर चुके हैं। यह स्थिति तब है जब यूपी पीएससी की वेबसाइट ओवरलोड चल रही है और दिन में कई बार सर्वर काम नहीं कर रहा। अधिकांश प्रवेश पत्र रात में डाउनलोड किए जा रहे हैं।

पूरब के अभ्यर्थी पश्चिम भेजे
यूपी पीएससी ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को उम्मीद थी कि उन्हें अपने जिले के नजदीक ही परीक्षा देने का मौका मिलेगा। लेकिन, प्रवेश पत्र जारी होते ही यह व्यवस्था भी तार-तार हो गई है। फैजाबाद के गिरधर मिश्र को अलीगढ़, अंबेडकर नगर के गया प्रसाद को रामपुर, इलाहाबाद के अमित मौर्य को मुरादाबाद परीक्षा के लिए भेजा जा रहा है। ऐसे ही अन्य परीक्षार्थियों को सुदूर के जिलों में भेजा गया है।
सचिव बोले, जांच जरूर होगी
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा को लेकर भी यूपी पीएससी की संजीदगी उस वक्त तार-तार हो गई जब सीट आवंटन में हुई गड़बड़ी में कुछ प्रकरणों पर जांच कराने का आश्वासन देकर सचिव जगदीश ने कहा कि गलती कहीं न कहीं हुई जरूर है। अभ्यर्थियों की ओर से विरोध के स्वर उठने के बाद आखिर यूपी पीएससी ने इसे स्वीकारा कि गलतियां हो सकती हैं जिनकी जांच कराई जाएगी। यूपी पीएससी गलतियां दोहराने से बाज नहीं आ रहा है।