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इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद सर्वश्री अहमद हसन, राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल व एस.आर.एस. यादव, नरेन्द्र वर्मा, शैलेन्द्र यादव ललई, अरविन्द कुमार सिंह, उदयवीर सिंह आदि विधायकगण उपस्थित थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जिन शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाकर रोजगार व शिक्षातंत्र से सषक्त किया था उन्हें भाजपा ने आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया है। आंदोलन की बरसी पर महिला-पुरूष शिक्षामित्रों का केष त्यागना वस्तुतः भाजपा में विश्वास का भी त्याग है। शिक्षामित्रों के हर संघर्ष में समाजवादी साथ हैं। शिक्षामित्रों के साथ भाजपा सरकार ने अन्याय किया है। यादव ने कहा कि भाजपा का उत्तर प्रदेश में 75 सीटें जीतने का दावा हास्यास्पद और आधारहीन है। सच्चाई यह है कि भाजपा को ऐसा लगता है कि देश में कोई समस्या ही नही है। नौजवानों को रोजगार उपलब्ध है, आर्थिक क्षेत्र में कोई संकट नहीं है। भाजपा का यह शुतमुर्गी रवैया है। भाजपा को यह ध्यान रखना चाहिए कि जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में 1977 के चुनाव में जनता ने सत्ताधारी दल को सबक सिखाया था, उसकी पुनराव्रती अवश्यंभावी है। राजनैतिक परिवर्तन के लिये जनता तैयार है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों को नष्ट करना चाहती है। लोकतंत्र को हांकना और जनता के अधिकारों का हनन करना भाजपा का चरित्र है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगातार हमला हो रहा है। असहमति की पर आवाज उठाने वालों के प्रति सरकार का बर्ताव बर्बरतापूर्ण है। सात बजट केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार के आने के बाद भी जनता के हित में कोई कार्य नहीं हुआ। अच्छे दिनों के नाम पर जनता के साथ छलावा हो रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भीड़ द्वारा हत्या देश के लिए शर्मनाक हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इसे लोकतंत्र के लिये खतरा बताया है और केन्द्र सरकार को कड़े कानून बनाने के लिए निर्देशित भी किया है। भाजपा शासन में देश का अमन-चैन प्रभावित हुआ है। सामाजिक दूरी बढ़ रही है। भाजपा के शासनकाल में अधिनायकशाही नीतियों की वजह से जनता आक्रोशित है।
यादव ने कहा कि भाजपा द्वारा जनता को भ्रमित करने की साजिश सफल नहीं हो सकती है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश की बदनामी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बीजेपी के जनविरोधी कारनामों के लिये इस बार जनता सजा देने के इंतजार में है। आश्वासन और घोषणाओं को काम समझना भाजपा को भारी पड़ेगा। समाजवादियों के सामने 2019 का लक्ष्य है यह लड़ाई बड़ी है। भाजपा इस लड़ाई को कमजोर करने का षड़यंत्र कर रही है, जिसे जनता सफल नहीं होने देगी।
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