Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

अब प्रयागराज हुआ जिला, इलाहाबाद का अस्तित्व खत्म: 1574 में मुगल शासक अकबर ने बदला था नाम

इलाहाबाद नाम का अस्तित्व अब खत्म हो गया है। जिले का नाम बदल कर प्रयागराज कर दिया गया है। कैबिनेट की ओर से यह फैसला लिए जाने के बाद शासन ने गुरुवार को इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है।
हालांकि प्रदेश सरकार के इस निर्णय से इलाहाबाद हाईकोर्ट और इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम अछूता रहेगा।1कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से इलाहाबाद का नामकरण प्रयागराज करने के आश्वासन के बाद सरकार ने जिस तेजी से इस आशय के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगवाई, उतनी ही तत्परता अधिसूचना जारी करने में भी दिखाई। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी थी। कैबिनेट के इस फैसले के बाद राजस्व विभाग ने अधिसूचना जारी करने के मकसद से संबंधित फाइल बुधवार को विधायी विभाग को भेजी थी। गुरुवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद विधायी विभाग ने अधिसूचना के प्रारूप को विधीक्षित कर फाइल वापस राजस्व विभाग को भेजी। राजस्व विभाग ने भी तेजी दिखाते हुए इसी दिन अधिसूचना जारी कर दी। 1प्रमुख सचिव राजस्व सुरेश चंद्रा की ओर से जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि अधिसूचना की किसी बात का कोई प्रभाव किसी अदालत में पहले से चालू की अथवा विचाराधीन किसी कानूनी कार्यवाही पर नहीं पड़ेगा।1जाहिर हो कि आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद की ओर से 15 अक्टूबर को इलाहाबाद का नाम प्रयाग या प्रयागराज किए जाने की संस्तुति की गई थी। इसके आधार पर जनपद इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया जाना प्रस्तावित हुआ। वित्त एवं न्याय विभाग द्वारा भी इस संबंध में अनापत्ति दे दी गई थी। राजस्व परिषद द्वारा अवगत कराया गया था कि इलाहाबाद की जनता लंबे समय से जिले और नगर का नाम प्रयाग या प्रयागराज करने की मांग निरंतर कर रही है। इस मांग के औचित्य निर्धारण के क्रम में राजस्व परिषद द्वारा उल्लेख किया गया था कि प्राचीन गं्रथों में देश में 14 प्रयाग वर्णित हैं। इनमें प्रयाग इलाहाबाद के अतिरिक्त किसी अन्य स्थल का नाम परिवर्तित नहीं हुआ है। जबकि इस नगर को सभी प्रयागों का राजा यानि प्रयागराज कहा जाता है। नगर का नाम प्रयाग से इलाहाबाद परिवर्तित होने के कारण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रम की स्थिति बनी रही है, जिसके निवारण के लिए संपूर्ण संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रयाग का नाम प्रयागराज के रूप में वापस मिलना तर्क पूर्ण व न्यायसंगत प्रतीत होता है।
Uptet News | uptet | primary ka master | primarykamaster | updatemart | basic shiksha news | updatemarts | uptet | basic shiksha | primary ka master.com | primery ka master | basic news | up praimary ka master | basic shiksha |update uptet | updatemarts |uptet.mart | upupdatemarts

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates

Random Posts