आगामी शिक्षक भर्ती में अब बी०टी०सी० और शिक्षामित्रों की राह बड़ी कठिन: रिजवान अंसारी

वर्ष 2011-12 के बाद से बी एड अभ्यर्थियों के लिए परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में भर्ती होने के दरवाजे बंद हो गए थे। लेकिन एक बार फिर से राजनीति की आवोहवा के चलते NCTE के अद्यतन संसोधित नोटिफिकेशन ने बीएड अभ्यर्थियों में आशा की किरण जगा दी।
हालांकि ये नोटिफिकेशन उन विशेष बीएड धारकों के लिए था जो प्राइवेट/अनुदानित स्कूलों में कक्षा 1-5 में शिक्षण कार्य रहे हैं और जो पूर्ण योग्यता (BTC+TET) अभी तक पूर्ण नही किये हैं। चूंकि प्राथमिक स्तर पर सिर्फ बीटीसी ही मान्य है। ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय संस्था (NIOS) ने 06 माह का स्पेशल बीटीसी कोर्स (ब्रिज कोर्स) कराने की मुहिम शुरू की। ये योग्यता उन्हें 31 मार्च 2019 तक पूर्ण करनी है। इसी शर्त के आधार पर   बीएड धारकों को सिर्फ टेट/सीटेट में सम्मिलित होने का आदेश सम्बंधित अथॉरिटी ने कर दिया है।
अब NCTE के इस अद्यतन संसोधित नोटीकेशन को बीएड धारियों ने उनकी भर्ती होने का मनमाफिक सर्टिफिकेट बना लिया है।चूंकि बीएड धारियों का एक बड़ा समुदाय है,वोट बैंक के चलते कोई भी सरकार उन्हें नाराज नही करना चाहेगी। लेकिन यदि नियम और कानून की बात कहें तो *RTE ACT-2009 के अनुसार बीएड धारी प्राथमिक में शिक्षक बनने को तब तक पात्र नही हैं जब तक किसी भी प्रदेश में पर्याप्त संख्या में बी टी सी अहर्ता धारी उपलब्ध न हों।* कोई भी राज्य बीएड धारियों को सिर्फ एक बार (वो भी तब जब बीटीसी के अभ्यर्थी न हों) ही प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए NCTE/MHRD से अनुमति लेगी। ये अनुमति पूर्व वर्ती अखिलेश सरकार ले चुकी है। उसी अनुमति के आलोक में 72825 भर्ती सम्पन्न हो चुकी है।
*इस NCTE के अद्यतन संसोधन से बीएड धारियों ने मनमाना विवेचना करना शुरू कर दिया है,नौकरशाहों और मंत्रियों के यहाँ जा जाकर उनको इस संसोधन की मनगढ़ंत कथा सुना रहे हैं।*
चूंकि राजनीति मिशन 2019 के चरम पर है। इस मामले को नगदीकरण करने के लिए यूपी सरकार कैबिनेट में एक प्रस्ताव लाकर बीएड अहर्ता को बेशिक शिक्षक नियमावली- 1981 में शामिल करके बीएड धारियों को अवैध रूप से शिक्षक बनाने को प्रतिबद्ध होती नजर आ रही है। जो कि BTC और शिक्षामित्रों के राह को मुश्किल ही नही नामुमकिन कर देगा।
*इसलिए अब इस पहलू को मा0 न्यायालय को दहलीज़ पर लाना ही पड़ेगा अन्यथा सब कुछ आंखों के सामने से निकल जायेगा और हम रोते ही रहेंगे।*

©टीम रिज़वान अंसारी।।