प्रयागराज : अभिलेखों में फर्जीवाड़ा करके नियुक्ति पाने वाली शिक्षिका
के प्रकरण में नया मोड़ आ गया है, अब उसकी दूसरे कॉलेज से उपस्थिति
प्रमाणित करने की तैयारी है। हालांकि कथित शिक्षिका अब तक भारत स्काउट एंड
गाइड इंटर कॉलेज पहुंची नहीं हैं।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने स्नातक शिक्षक सामाजिक विज्ञान के
पद पर नीलू मिश्र का चयन 2005 में किया था। उसी समय आरपी रस्तोगी इंटर
कॉलेज मलाक हरहर प्रयागराज के प्रधानाचार्य को उनके अंक पत्रों पर शक हुआ।
2007 में अभिलेखों की जांच में कानपुर विश्वविद्यालय ने बीएड का अंक व
प्रमाणपत्र फर्जी बताया। इस पर तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक दिनेश सिंह
के निर्देश पर प्रबंधक ने शिक्षिका के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई और सेवा
से बर्खास्त कर दिया। नौ वर्ष से शिक्षिका की पत्रवली चयन बोर्ड में लंबित
है अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर प्रयागराज के जिला विद्यालय
निरीक्षक ने नौ वर्ष बाद शिक्षिका को धारा 21 के तहत फिर बहाल कर दिया। इसे
आरपी रस्तोगी के प्रबंधन ने नहीं माना। यह प्रकरण हाईकोर्ट भी पहुंच चुका
है, कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक व चयन बोर्ड से जवाब तलब किया है।
1इसी बीच जिला विद्यालय निरीक्षक ने कथित शिक्षिका की उपस्थिति का
प्रमाणपत्र देने के लिए प्रयागराज के भारत स्काउट एंड गाइड इंटर कालेज के
प्रधानाचार्य को पत्र भेजा है। प्रधानाचार्य योगेश त्रिपाठी ने बताया कि
डीआइओएस का पत्र आया है लेकिन, शिक्षिका ने अब तक संपर्क नहीं किया है। खास
बात यह है कि इस कॉलेज के अगुआ चयन बोर्ड के सचिव भी हैं। फर्जीवाड़ा
प्रमाणित होने के बाद कथित शिक्षिका के लिए कॉलेज बदलने का मामले सामने आने
से हंगामा मचा है।
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