उन्नाव. शिक्षा विभाग
में भी बड़ी मछली छोटी मछली को निगल रही कि कहावत चरितार्थ हो रही है।
अच्छा वेतन पाने वाले शिक्षक के सामने शिक्षामित्रों की स्थिति काफी दयनीय
है। जिन्हें छह माह का मानदेय नहीं मिला है। इसी प्रकार सर्व शिक्षा अभियान
से जुड़े शिक्षकों को भी तीन माह का मानदेय नहीं मिला है।
इस संबंध में
बातचीत करने पर खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उनकी तरफ से कोई कमी नहीं
है। उन्होंने समय से बिल बीएसए कार्यालय में प्रस्तुत कर दिया है। इस संबंध
में बीएसए ने बताया कि शासन से ग्रांट नहीं मिला है। जैसे ही मिलेगा
शिक्षामित्रों को दे दिया जाएगा। तो क्या शासन भी अल्प मानदेय पाने वाले
कर्मचारियों पर ग्रहण बनके काम कर रही है। मानदेय न मिलने से शिक्षामित्रों
में रोष व्याप्त है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय भ्रष्ट कार्यालयों में से एक
बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की भ्रष्ट
कार्यप्रणाली का नमूना उस समय सामने आया था। जब एंटी करप्शन की टीम ने रंगे
हाथ एक बाबू को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। यह रिश्वत विभागीय कमियों
के कारण पेंडिंग पड़े कामों को पूरा करने के लिए शिक्षकों से लिया जाता है।
बताया जाता है शिक्षामित्रों को 6 माह का मानदेय नहीं मिला है। इस संबंध
में बातचीत करने पर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिला
अध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में
व्याप्त लापरवाही के कारण उन लोगों को समय से मानदेय नहीं मिल रहा है।
जिसमें खंड शिक्षा कार्यालय का भी महत्वपूर्ण रोल है।
शासन समय से देता है लेकिन विभाग की लापरवाही से नहीं मिलता है मानदेय
उन्होंने बताया कि शासन से समय से ग्रांट आ
जाता है। लेकिन विभाग लापरवाही करता है। सुधाकर तिवारी ने कहा कि अन्य
जनपदों में मानदेय न मिलने से शिक्षा मित्र खतरनाक कदम उठा लेते हैं।अपने
जनपद में भी यही स्थिति ना हो इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को
समय से शिक्षामित्रों का मानदेय दे देना चाहिए। सुधाकर तिवारी ने मानदेय न
मिलने का पूरा ठीकरा बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर फोड़ा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी
इधर खंड शिक्षा अधिकारी बिछिया ने बातचीत
के दौरान बताया कि उनकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं है। उन्होंने समय से बना
कर भेज दिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी कहते हैं कि शासन से ग्रांट नहीं
आया। इसलिए मानदेय नहीं दिया जा सका। इन सब आरोप-प्रत्यारोप के बीच
शिक्षामित्रों का मानदेय अधर में पड़ा है। जिससे उनकी दिवाली अंधेरे में
होने जा रही है। शिक्षामित्रों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से दिवाली के पहले
मानदेय देने की मांग की है।