गाजीपुर। आम शिक्षक- शिक्षामित्र एसोसिएशन की अधिवेशन कचहरी स्थित शिक्षक
भवन कार्यालय पर गुरुवार को हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संगठन की प्रदेश
अध्यक्ष उमा देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री तथा शिक्षामित्र संगठन के बीच 18
अप्रैल 2018 को वार्ता हुई थी। उस समय विभिन्न बिंदुओं पर सहमति बनी थी।
इसके बाद हम काम पर वापस आ गए लेकिन वार्ता के अनुसार अब तक शासनादेश
निर्गत नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार हमारी समस्याओं के प्रति पूरी तरह से उदासीन हो गई
है। हालत यह है कि आज उत्तरप्रदेश के किसी जनपद से शिक्षामित्रों की भुखमरी
तो कहीं बीमारी, इलाज के अभाव में मृत्यु के गाल में समाने जैसी खबरें मिल
रही हैं। शिक्षामित्रों के हक की लड़ाई के लिए मैं और मेरे साथी 18 मई2018
से लगातार धरने पर हैं। उसी कड़ी में 26 जून 2018 को 101 ब्राम्हण
शिक्षामित्र भाइयों ने अपने जनेऊ जीवन पर्यंत तक के लिए त्याग दिया। 25 जून
2018 को उत्तरप्रदेश की हठधर्मी सरकार के विरोध में 63 महिलाएं और 450
शिक्षामित्र भाईयों ने अपना केश मुंडन करा कर सरकार का विरोध जताया। इतने
के बावजूद शासन-प्रशासन मौन बैठा रहा। वही वर्तमान प्रदेश सरकार
शिक्षामित्रों पर कठोर प्रहार करते हुए मूल विद्यालय पर तैनाती का आदेश
जारी करके हम शिक्षामित्रों को वहीं भेजने का कार्य किया जहां से हमारा
समायोजन हुआ था। लगातार संघर्षों का ही परिणाम रहा कि शिक्षामित्रों के हित
के लिए सरकार द्वारा एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया उस हाईपावर कमेटी
की बैठक 20 अगस्त2018 को आयोजित हुई जिसमें हमारे सुझाव व मांगपत्र को
शामिल किया गया। इसी क्रम में जिलाध्यक्ष डिंपल राय ने कहा कि आज सरकार की
लापरवाही के कारण शिक्षामित्रों की हालत दयनीय होती जा रही है। इससे हमारे
भाई-बहनों में निराशा व्याप्त है। कहा कि मैं शिक्षामित्रों की लड़ाई में
हमेशा साथ रहूंगी तथा इनका हक मिलने तक लड़ाई लड़ी जाएगी। इस अवसर पर
दिवाकर, प्रीतम कुमार, अवधेश यादव,,माया साहू ,विद्या यादव, प्रेमशीला,
जयन्द्र राय, राम प्रताप, माया पांडेय समेत बड़ी संख्या में शिक्षामित्र
उपस्थित थे।