UPTET : मार्च में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा ( यूपीटीईटी ) 2020 में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिलेगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी
कार्यालय की ओर से शासन को जो प्रस्ताव भेजा गया है उसमें एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को शामिल नहीं किया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने यह कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में मान्य किया है। लेकिन यूपी-टीईटी में यह कोर्स मान्य नहीं है। यूपी-टीईटी के लिए न्यूनतम दो वर्ष का शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स करने वाले अर्ह हैं। जबकि एनआईओएस का डीएलएड 18 महीने का पत्राचार कोर्स है।वहीं डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों का तर्क है कि वे पहले से स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। 6 महीने स्कूल में शिक्षण नहीं कराने के कारण उन्हें 18 महीने का कोर्स कराया गया है। यदि पहले से कोई निजी स्कूल में पढ़ा रहा था और उसने एनआईओएस से डीएलएड कर लिया है तो क्या सरकारी स्कूल में शिक्षक नहीं बन सकता। इन अभ्यर्थियों को टीईटी से बाहर करना नाइंसाफी है। यूपी में तकरीबन 1.50 लाख अभ्यर्थियों ने एनआईओएस से डीएलएड किया है।
टीईटी में झटका
- परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने टीईटी के प्रस्ताव में नहीं किया शामिल
- 18 महीने का कोर्स होने के कारण डीएलएड को नहीं किया मान्य
- टीईटी में न्यूनतम दो साल के पाठ्यक्रम करने वालों को देते हैं मौका
- यूपी में तकरीबन डेढ़ लाख ने किया है एनआईओएस से डीएलएड
पंकज यादव (एनआईओएस से डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी) ने कहा, एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को टीईटी में शामिल करने का अनुरोध हमने सरकार और परीक्षा संस्था से किया है। यदि हमारी मांग नहीं मानी जाती तो कोर्ट के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।