बलरामपुर : जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन परिषदीय स्कूलों में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हथियाने वाले 92 शिक्षकों के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा लिखकर आरोपित शिक्षकों की तलाश शुरू कर दी है।
जिले के बेसिक शिक्षा विभाग फर्जी शिक्षकों का हब बन चुका है। परिषद सचिव ने गत वर्ष 691 फर्जी शिक्षकों से संबंधित सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश 60 जिलों के बीएसए को दिया था।
इसमें प्रदेश में सर्वाधिक 139 फर्जी शिक्षक बलरामपुर व दूसरे नंबर पर लखनऊ के 119 शामिल थे। हैरानी की बात यह है कि इनमें से महज चार फर्जी शिक्षकों तक एसटीएफ के हाथ पहुंचे थे।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जब फर्जी शिक्षकों पर मुकदमा लिखाने के लिए अफसरों के पेच कसे, तो जिले के अधिकारी हरकत में आ गए। आनन-फानन मे विभिन्न शिक्षक भर्ती के दौरान कूटरचित अभिलेख के सहारे नौकरी पाने वाले 92 शिक्षकों के खिलाफ नगर कोतवाली में तहरीर दी गई। प्रभारी निरीक्षक मानवेंद्र पाठक ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर विवेचना उपनिरीक्षक किसलय मिश्र को सौंपी गई है।
55 पर पहले ही हो चुकी एफआइआर : बेसिक शिक्षा विभाग फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हथियाने वाले 55 शिक्षकों के खिलाफ पूर्व में ही एफआइआर दर्ज हो चुकी है। वर्ष 2015-16 में 72825 अध्यापक भर्ती के तहत फर्जी मिले 21 शिक्षकों, 10800 एवं 10000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत नियुक्त 24 व 12460 शिक्षक भर्ती में कूटरचित दस्तावेज मिलने पर दस शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था।